झोला उठाकर चल दूंगा कहने वाले फकीर की चालाकियों से साहू समाज ने किया किनारा
राजकुमार सोनी
रायपुर. छत्तीसगढ़ में भाजपा के बड़े नेताओं को लगता है कि परम्परागत रुप से साहू समाज भाजपा के साथ हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव में करारी पराजय के बाद यह साफ हो गया है कि राजनीतिक तौर पर जागृत यह समाज देश और प्रदेश के हित को महत्वपूर्ण मानता है. एक राजनीतिक विश्वलेषक का कहना है कि साहू समाज हमेशा से विसंगतियों और गलत नीतियों के खिलाफ ही वोट करता आया है, लेकिन इसे भाजपा कभी समझ नहीं सकीं. बहरहाल यहां इस समाज का जिक्र इसलिए हो रहा है क्योंकि हर रोज अलग तरह की वेशभूषा और नाना प्रकार के बयानों के चलते अपनी विश्वसनीयता को दांव पर लगाने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ की फिजा में भी जाति का जहर घोलने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि गुजरात में जो मोदी होता है वह साहू समाज से आता है तो क्या सारे मोदी चोर हो गए. उनका कहना था कांग्रेस उन्हें व्यक्तिगत तौर पर चोर कहती है, लेकिन पूरे समाज को चोर कहना ठीक नहीं है.
जाहिर सी बात है कि मोदी के इस बयान के बाद तीखी प्रतिक्रिया होनी थी. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टिव्हटर एवं फेसबुक में लिखा- मोदी कभी गुजरात में चाय वाला बन जाते हैं. बनारस में गंगा के बेटे. छत्तीसगढ़ में आते हैं तो साहू और अंबानी के यहां जाते हैं तो चौकीदार. छत्तीसगढ़ के लोगों को ऐसे बहुरुपिए से सावधान रहना चाहिए. बघेल ने यह भी कहा कि मोदी इस देश को धर्म-जाति और संप्रदाय के नाम पर बांटना चाहते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता उनके हर घृणित प्रयास का मुंहतोड़ जवाब देगी. प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भी मोदी के बयान को जातिवादी नफरत फैलाने की निकृष्टतम कोशिश करार दिया. उन्होंने कहा कि चोर की कोई जाति नहीं होती… चोर सिर्फ चोर होता है. उसका काम सिर्फ दूसरों की संपत्ति हथियाना है. उन्होंने कहा कि मोदी और उनकी पूरी पार्टी चुनाव हार रही है इसलिए सामाजिक समरसता को छिन्न-भिन्न करने की कवायद में लगी है, लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता उनकी हर चालाकियों का माकूल जवाब अपने वोट के जरिए देगी.
साहू समाज ने किया किनारा
इधर मोदी के बयान से साहू समाज ने किनारा कर लिया है. कर्मचारी नेता एचपी साहू का कहना है कि मोदी ने पूरे समाज को चोर साबित करने की घृणित कोशिश की है. अव्वल तो मोदी अपने आपको साहू बताने की असफल कोशिश ही न करें क्योंकि साहू समाज मोदी को अपना अंग मानता ही नहीं है. उन्होंने कहा कि साहू समाज बेहद मेहनतकश और ईमानदार होता है. इस समाज में पढ़े-लिखे लोग भी बहुत हैं. मोदी इस समाज को बदनाम न करें तो बेहतर हैं. छत्तीसगढ़ साहू समाज के प्रदेश कोषाध्यक्ष हनुमत प्रसाद साहू ने कहा कि साहू समाज मोदी के चौकीदार अभियान का हिस्सा नहीं है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति चोर बन जाता है तो उससे पूरा समाज चोर नहीं हो जाता. प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष विपिन साहू का कहना है कि जब वे एक आयोजन के सिलसिले में मोदी से मिलने गए थे तब उन्होंने कहा था कि वे साहू-वाहू को नहीं जानते. राजनीतिक लाभ लेने के लिए मोदी खुद को पिछड़ा वर्ग का बता रहे हैं.