अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम गुमियापाल और आलनार पहुंची आलनार पहाड़ निजी कंपनी को फर्जी ग्राम सभा कर लीज देने का मामला


मंगल कुंजाम


किरंदुल:- अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य नितिन पोटाई सचिव एस.के.सिंह उइके एवं टीम के साथ ग्राम पंचायत ,गुमियापाल, आलनार सहित आसपास गांव पहुंचे ,और बिना ग्राम सभा के आरती स्पंज कंपनी माइनिंग लीज देने पर ग्रामीणों का बयान लिया और सभी ग्राम वासियों ने एक ही स्वर में आरती स्पंज कंपनी कंपनी को जान देंगे जमीन नही देंगे हमारे पुरखो के द्वारा बचाया गया जल जंगल जमीन को सरकार द्वारा हमसे बिना पूछे अधिग्रहण करने को कोशिश कर रही है नही देने की बात सभी ग्राम वासियों ने आयोग के सदस्यों के सामने अपना बयान दर्ज करवाये ।

जमीन का पूरा विवरण रकबा 31.55 हेक्टयर खसरा नंम्बर 416, 417 एवं 418 आयरन ओर माईनस मेसर्स आरती स्पंज कम्पनी, रायपुर को लीज आबंटित हो चुका है जो की ग्राम वासियो के बगैर सहमति से किया गया है। ग्राम आलनार, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 (1) के तहत पांचवी अनुसूची छेत्र है जहाँ अनुसूचित जनजातियों (आदिवासियों) को स्वशासन प्रशासन व नियंत्रण का पूर्ण आधिकार है। साथ ही माननीय उच्चतम न्यायालय के समता का पैसला 1997 के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रो में माइंस व मिनरल्स का लीज अनुसूचित जनजातियों को ही दिया जा सकता है। माननीय उच्च न्यायालय के फैसले ‘पी. रमी रेड्डी 1988’ के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र की जमीन किसी भी गैर आदिवासी को हस्तांतरित नहीं की जा सकती।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 (1) कंडिका (5) के तहत लोकसभा या विधान सभा द्वारा बनाया गया कोई भी सामान्य कानून अनुसूचित क्षेत्रो में सीधे लागू नही हो सकता। इसीलिये इन अनुसूचित क्षेत्रो में उपरोक्त प्रावधानों के रहते हुए भूमि आधिग्रहण व खनन से सबधित कोई भी कानून सीधे लागु नही किया जा सकता। उन्हें पारंपरिक ग्राम सभा (भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13 (3)(क) विधि के बल) की अनुमति के बिना कोई भी सामान्य कानून लागू करना, भूमि अधिग्रहण करना, गैर आदिवासी या बाहरी व्यक्तियों की कंपनियों को खनिज खनन का लीज व ठेका देना असवैधानिक है।


मंगल कुंजाम

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