“राम वन गमन पथ” व विधायक के पुतला दहन को लेकर आदिवासी समाज में विवाद, अब समर्थक आए सामने
विश्व आदिवासी दिवस के दिन नरहरपुर में विधायक का पुतला दहन करने वालों पर कानूनी कार्यवाही करने की गई मांग
कांकेर। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर नरहरपुर में कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी व कांकेर के विधायक शिशुपाल सोरी का पुतला दहन करने को लेकर आदिवासी समाज दो भागों में बांटा नजर आ रहा है । आज आदिवासी समाज के कुछ लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर पुतला दहन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है ।
ज्ञात हो कि अगस्त को नरहरपुर में आदिवासी समाज के कुछ युवकों ने कांग्रेस सरकार पर आदिवासी संस्कृति को विद्रूप करने का आरोप लगाते हुए विधायक शिशुपाल सोरी और राजेश तिवारी का पुतला दहन किया था । हालांकि इसके पहले भी कांकेर और बस्तर के कई हिस्सों में “राम वन गमन पथ” की घोषणा के बाद से ही छत्तीसगढ़ सरकार और इसमें शामिल आदिवासी जनप्रतिनिधियों का विरोध जारी है ।
किंतु आज गोंडवाना समाज समन्वय समिति विकासखंड नरहरपुर के लेटर पैड पर कांकेर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के नाम आज की गई शिकायत में विवाद को नया रूप दे दिया है । उक्त शिकायत में कहा गया है कि असामाजिक तत्वों द्वारा गोंड़ समाज के बहुत ही सम्मानीय राष्ट्रीय अध्यक्ष शिशुपाल शोरी जी, संसदीय सचिव छ.ग. शासन एवं विधायक कांकेर का गोंड़ समाज के सतरंगी ध्वज लहराते हुए पुतला दहन जैसे शर्मनाक घटना को अंजाम दिया गया है, जिसका गोंड़ समाज समन्वय समिति तह. नरहरपुर घोर निन्दा करता है ।
शिकायत कर्ताओं ने कहा है कि शिशुपाल शोरी जी न केवल प्रगतिशील एवं सकारात्मक सोच के समाज सेवक है बल्कि वह राष्ट्रीय स्तर पर गोंड़ समाज को संगठित करने का अनुकरणीय कार्य भी कर रहे है। गोंड़ समाज नरहरपुर इस घटना से आहत है। हम समस्त गोंड़ समाज के पदाधिकारी एवं समाज के जिम्मेदार लोग जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से मांग करते है कि विश्व आदिवासी दिवस जैसे अत्यंत उल्लासपूर्ण एवं आदिवासी एकता के प्रतीक त्यौहार पर गोंड़ समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पुतला दहन जैसे निंदनीय कार्य के लिए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जावे, अन्यथा कानूनी कार्यवाही नहीं किये जाने पर आदिवासी समाज उग्र आन्दोलन करने के लिए बाध्य होगा। ज्ञापन सौपने वालों में समिति अध्यक्ष छबेसिंह नेताम, सुखलाल शोरी, नरहरपुर ब्लाक उपाध्यक्ष रोहिदास शोरी, शंकर शोरी आदि उपस्थित थे ।