मंत्रोच्चार और शंखध्वनि से उद्घाटित,देश की संसद टपक रही
बादल सरोज टपक रही हैयज्ञ की वेदी के चारो और ठठ के ठठ लगाए बैठे, उन्नत उदरों और लहराती दाढ़ियों
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