जो हिटलर की चाल चलेगा वो हिटलर की मौत मरेगा

आज ही के दिन 30 अप्रेल को सन 1945 हिटलर ने अपनी कनपटी पर 7.65 केलिबर की पिस्तौल रख कर आत्महत्या कर ली थी , अपने आखिरी दिनों में जमीन से 55 फीट नीचे ऐसी बंकर में , जिसमें 18 कमरे थे , बिजली पानी की व्यवस्था थी, रहता था और हिटलर ने ख़ुदकुशी की वहीं की थी .
चित्र में बंकर भी देख लें

अमानवीय सामूहिक ह्त्या के लिए कुख्यात हिटलर महज 56 साल की उम्र में ही अपनी जिंदगी से ऊब गया था. वह भी पूरी तरह शाकाहारी था, केवल चाय पीता था, अपने स्वास्थ्य के लिए बहुत सजग रहता था उसने भी नेतृत्व की कोई दूसरी पंक्ति को उभरने नहीं दिया और वह सभी निर्णय खुद ही लेता था .
हिटलर बामुश्किल सेकेंडरी तक शिक्षा ले पाया. सन 1914 . में उसने आस्ट्रिया के फौज में भर्ती होने का प्रयास किया लेकिन इम्तेहान में फेल हो गया .
हिटलर पहले विश्व युद्ध में हुयी भरती में सेना में घुस गया फिर युद्ध समाप्त होने के बाद म्यूनिख शहर आ गया जिसे पूर्व सैनिकों का गढ़ कहा जाता था, उसके सियासत में कदम बढाने शुरू किये और पहली बार सत्ता में लोकतान्त्रिक तरीके से चुन कर ही आया. सन 1920 से 1940 तक के उसके भाषण सुने तो वे बेहद चुटीले, नारों से भरे , शुरुआत में वर्तमान के हालात और अंत में एक ” विकसित देश, राष्ट्रवाद ” का खाका होता था
तभी नारा बना –
जो हिटलर की चाल चलेगा
वो हिटलर की मौत मरेगा


आज का दिन वो भी याद रखें जो उसकी नकल कर रहे हैं तथाउसे अपना आदर्श मानते हैं और वे भी जो यूं ए पी ए जैसे आरोपो में जेल में है और वे भी जो यह सब मूक बने देख रहे हैं

पंकज चतुर्वेदी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!