चिटफंट घोटालाः पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा,आईएएस रीना बाबा साहेब कंगाले, कोमल परदेसी, भीमसिंह, नीलकंठ टेकाम, अमृतलाल ध्रुव और रतनलाल डांगी पर एफआईआर
रायपुर. छत्तीसगढ़ में जब भाजपा की सरकार थी तब आम लोगों की गाढ़ी-मेहनत की कमाई पर डाका डालने वाली चिटफंड कंपनियों को सरकार के मंत्रियों और अफसरों ने प्रश्रय दे रखा था. अभी कुछ दिन पहले अनमोल इंडिया नाम की एक चिटफंड कंपनी को प्रश्रय देने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के पुत्र और राजनांदगांव के पूर्व सांसद अभिषेक सिंह पर अंबिकापुर में मामला दर्ज किया गया था. फिलहाल अंबिकापुर की जिला अदालत से होकर यह मामला उच्च न्यायालय बिलासपुर जा पहुंचा है. इधर महासमुंद के खल्लारी में भी पुलिस ने पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा, आईएएस रीना बाबा साहेब कंगाले, सिद्धार्थ कोमल परदेसी, भीमसिंह, नीलकंठ टेकाम, अमृतलाल ध्रुव और सहित सनसाइन चिटफंड कंपनी के निदेशक, संचालक और प्रचारक बनवारी लाल, वकील सिंह, राजीव गिरी पर मामला दर्ज कर लिया है. खबर है कि पुलिस अफसर रतनलाल डांगी पर भी खल्लारी थाने में एक हफ्ते पहले मामला दर्ज किया गया है. इधर एफआईआर में कई बड़े अफसरों के नाम आने से हडकंप मच गया है. पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी का कहना है कि यह मामला कोर्ट के निर्देश के बाद दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि पूरे मामले में रायपुर आईजी से रिपोर्ट मांगी गई है. यह तो देखना ही होगा कि चिटफंड कंपनियों के साथ किस-किस अफसर ने किस तरह की भूमिका निभाई है. चिटफंड कंपनी से उनके किस तरह के संबंध रहे हैं.
बताते हैं कि एक ग्रामीण दिनेश पानीकर ने सनसाइन इन्फ्रा बिल्ड कार्पोरेशन लिमिटेड में लगभग 13 लाख 11 हजार 881 रुपए अपने परिजनों के नाम पर जमा किए थे. कंपनी ने साढ़े छह साल में रकम दोगुना होने का वायदा किया था. पानीकर को तब झटका लगा जब कंपनी ताला लगाकर फरार हो गई. दिनेश अपनी रकम को पाने के लिए भटकता रहा. उसने इस मामले में थाना प्रभारी से लेकर पुलिस अधीक्षक सबसे शिकायत की थी, लेकिन तब किसी ने उसकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया. गौरतलब है कि इस मामले में जिन अफसरों का नाम सामने आया है वे सभी भाजपा के शासनकाल में सरकार की नाक के बाल बने हुए थे. एक अफसर पर बगैर अनुमति के विदेश जाने का आरोप लगा था. तब इस बात का खूब हल्ला मचा था कि अफसर ने सरकार के एक करीबी के काले धन को ठिकाने लगाने विदेश का दौरा किया है. यह भी कहा गया था कि छत्तीसगढ़ में संविदा में पदस्थ अफसर ने दुबई में एक बेशकीमती आलीशान मकान खरीदा था जिसकी तमाम औपचारिकताएं यहां के अफसर ने वहां जाकर पूरी की थीं. एक अन्य अफसर जो राजनांदगांव में पदस्थ था वह मंत्रिमंडल के एक सदस्य को मम्मी-डैडी कहता था. पूर्व सरकार में एक अफसर की पत्नी शौचालय बनवाने के नाम पर साफ-सफाई के खेल में लगी हुई थीं. अफसर अपने काम की वजह से कम और अपनी पत्नी के प्रचार की वजह से ज्यादा सुर्खियों में रहा. एक अफसर पर अब भी इधर-उधर खबरें प्लांट करवाने का आरोप है. बताते हैं कि यह अफसर दुर्ग जिले में पदस्थ एक वरिष्ठ पुलिस अफसर को बदनाम करने के खेल में लगा हुआ है. इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से भी हुई है
साभारः apnamorcha.com