एनएमडीसी फर्जी ग्राम सभा के विरोध में लामबंद हुए हजारों ग्रामीण आदिवासी – किरंदूल

मंगल कुंजाम की रिपोर्ट .

किरंदुल– लोह नगरी किरंदुल में आज संयुक्त पंचायत संघर्ष समिति के बैनर तले दंतेवाड़ा जिले के चारों ब्लाक के हज़ारों ग्रामीण क्षेत्रों के आदिवासी एनएमडीसी किरंदुल परियोजना के प्रशासनिक भवन के सन्मुख स्थित सीआईएसएफ चेक पोस्ट में जमा हो कर एनएमडीसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए घेराव किया .

इस संबंद में चर्चा करते हुए आदिवासी समाज और जनपद सदस्य राजू भास्कर ने बताया कि संयुक्त पंचायत जन संघर्ष समिति के बैनर तले आज एनएमडीसी, अडानी ग्रुप, एवं एन सी एल की गलत नीतियों के खिलाफ जिले के हज़ारों ग्रामीण आदिवासी एनएमडीसी किरंदुल का घेराव करने पहुंचे हैं ।और दंतेवाड़ा के भोगाम गाँव से आये बल्लू भोगामी ने बताया कि एनएमडीसी के द्वारा 13 नंबर खदान जो कि अडानी समूह को उत्खनन कार्य के लिए दिया गया है ,उस पहाड़ी में हमारे कई देवी देवता विराजमान हैं ,साथ ही हम आज इस आंदोलन के माध्यम से एनएमडीसी के द्वारा आयोजित फर्जी ग्राम सभा का भी विरोध करते हैं चाहे वो 11 नंबर खदान, या 13 नंबर खदान का मामला हो, एनएमडीसी ने हमेशा संविधान का उल्लंघन कर फर्जी ग्राम सभा आयोजित की है ।उन्होंने बताया कि 5 वी अनुशुचि कानून का उल्लंघन करते हुए एनएमडीसी ने लगातार फर्जी ग्राम सभा कर बड़े बड़े उद्योगपतियो को खदान बेचने का कार्य किया है जिसका हम विरोध करते हैं .

राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के द्वारा भी संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है जबकि 5 वी ऑंसूची के अनुछेद 244 के अनुसार सम्पूर्ण बस्तर संभाग 5 वी अनुसूची के अंतर्गत आता है ।जिस कारण ग्राम सभा की अनुमति लेना आवस्यक होता है ।परंतु इसके बाबजूद एनएमडीसी के द्वारा लगातार फर्जी ग्राम सभा कर संविधान का उल्लंघन कर लोह अयस्क का उत्खनन किया जा रहा है ।

बल्लू ने बताया कि बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा ,जिलों की कई नदियां इस पहाड़ से निकलने वाले लोह चूर्ण के कारण लाल हो गई है ,जिस कारण भूमि बंजर होने के साथ साथ सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।संयुक्त पंचायत संघर्ष समिति के बैनर तले कई गांवों के ग्रामीण ,किरंदुल परियोजना के प्रशासनिक भवन के सामने अनिश्चित कालीन घेराव एवं धरना प्रदर्शन के लिए बैठे हैं ।ऐतिहात के तौर पर जिला पुलिस बल एवं सीआईएसएफ जवान मुस्तेद है ।इस दौरान किरंदुल परियोजना का उत्पादन पूरी तरह बंद है ।

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