छत्तीसगढ़ के ’रोहित वेमूला’ गणेश कोसले को किया जा रहा आत्महत्या के लिए मजबूर
योग्यता के बाद भी पीएचडी में चयन नही बल्कि आरक्षित सीट ही खाली रखने का लिया फैसला , चयन समिति में सभी सवर्ण
धनंजय बरमाल की रिपोर्ट
रायपुर। हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीएचडी छात्र रोहित वेमुला कों तो आप जानते ही होंगे? जातिवादी मानसिकता के लोगों ने उन्हे कैसे प्रताड़ित किया कैसे उसें पढ़ने के लिए भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था अंत में उसने जातिवाद की जद में आकर आत्महत्या कर लिया था। लेकिन छत्तीसगढ़ में जो रोहित वेमुला है उसका नाम गणेश कोसले है जो कि, जातिवादी मानसिकता से लड़ रहा है, वह उस भेद-भाव के खिलाफ और अपने शिक्षा के आधिकार-हक के लिए शासन-प्रशासन से गुहार लगा रहा बहरहाल उसे सुनने को कोई तैयार नहीं है। पढिए छत्तीसगढ़ के साहासी ’रोहित वेमूला’ गणेश कोसले की आप बीतीः-
मामला बिलासपुर जिले का है जहां स्थित गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के छात्र गणेश कोसले जाति-सतनामी निवासी-जांजगिर चांपा ग्राम-कोसमंदा कों पी.एच.डी. प्रवेश के लिए चयन समिति ने यह कहकर बहार का रास्ता दिखा दिया कि वे ’’नाॅट फाॅर सूटेबल’’ यानि वे इसके लिए योग्य नहीं है। आपकों बता दे कि, विश्वविद्यालय के इतिहास शोध विभाग द्वारा पी.एच.डी प्रवेश के लिए अनुसूचित जाति वर्ग में 2 सीट आरक्षित है जिसके लिए छात्रों का लिखित परिक्षा व मौखिक साक्षात्कार लिया गया। इनमें से 1 सीट पर परवेश बर्मन का चयन किया गया वहीं दूसरे सीट के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र गणेश कोसले कों मौखिक साक्षात्कार में अयोग्य ठहराया दिया गया जिसके बाद 1 एससी आरक्षित सीट भरा नहीं गया। जिसके बाद गणेश कोसले ने चयन समिति पर प्रश्नचिन्ह लगाया और आरोप लागया कि, उनके व उनके कोटे के साथ भेद-भाव किया जा रहा है। जिसे लेकर अब उनके साथ विभिन्न समाजिक संगठनों सामने आ रहे है।
गणेश कोसले ने आरोप लगाते हुए कहा कि, वे चयन समिति के सवालों से हैरान थे, उन्होंने उनसे केवल चार सवाल ही किए और जिसके जवाब देने के बाद वे आश्वस्त थे कि उनका प्रवेश तय है लेकिन चयन सूची नेट पर जारी किया गया जिसमें उसका नाम ही नहीं था। इसके बाद गणेश ने विभागाध्यक्ष डाॅ. सीमा पाण्डे कों काॅल कर पूछा उन्होंने जबाव में कहा जो नेट पर दिख रहा वही रिजल्ट है कहकर फोन काट दिया। गणेश निराश था, वह इस संबंध में वि.वि. कुलपति अंजली गुप्ता से मिलना पहुचां लेकिन उन्होंने मुलाकात न करते हुए प्रो. एम.के. त्रिपाठी व डाॅ. सीमा पाण्डे से मिलने निर्देशित किया जिसके बाद डाॅ. सीमा पाण्डे ने उन्हे कहा कि, वह इसके लायक नहीं है इसलिए समिति ने उनपर छथ्ै लगाया गया है। लेकिन छात्र ने लिखित जवाब चहां तो किसी ने जवाब नहीं दिया। इसके बाद से गणेश व विभिन्न समाजिक संगठन ने कुलपति कों ज्ञापन दिया है।
-चयन समिति में शामिल सदस्यों पर आरोंप
पीएचडी प्रवेश के लिए चयन समिति में शामिल डाॅ. सीमा पाण्डे , प्रो. प्रदिप शुक्ला , व डाॅ. घनश्याम दुबे थे, इनके अलावा एक शख्स और रहे जिनका नाम रामेन्द्र मिश्र बताया गया जो कि, चयन समिति में शामिल भी नहीं थे। पीएचडी प्रवेश में एससी कोटे में दो सीट निर्धारित है वहीं आपकों बता दे कि, जब किसी आरक्षित पदों पर चयन किया जाता है, तो नियमानुसार चयन समिति में आरक्षित वर्ग के सदस्य कों भी शामिल किया जाता है। जिसकों लेकर भी चयन समिति पर नियमों के अनदेखी करने का आरोंप लगा है।
-चयन समिति के सवालों पर ? प्रश्नचिन्ह
पीड़ित छात्र गणेश कोसले ने चयन समिति के द्वारा पूछे गए सवालों पर भी प्रश्नचिन्ह लगाये है। उन्होंने बताया कि, पीएचडी प्रवेश के लिए उन्होंने लिखित परिक्षा सफलतापूर्वक पास किया जिसके बाद ही उन्हे साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। चयन समिति केवल एक सदस्य प्रो. प्रदिप शुक्ला ने चार सवाल किए जिसका जवाब गणेश ने दिया। सवाल-जवाब के बाद प्रो. शुक्ला ने उन्हें कहा आप तो यही के छात्र है ठीक है! और उन्होंने, गणेश कों जाने के लिए कहा। इसके बाद गणेश अपने प्रवेश कों लेकर आश्वस्त था लेकिन जब नेट पर परिणाम देखा तब उसका नाम चयन सूची में नही था।
-ये थे चयन समिति के सवाल
(सभी सवाल प्रो. प्रदीप शुक्ला ने किया)
सवालः- आपका नाम क्या है?
जवाबः- सर, मेरा नाम गणेश कोसले है।
सवालः- कहा तक पढ़े हो?
जवाबः- सर मैनें जांजगीर-चांपा से बी.ए. किया है उसके बाद यही (गुरू घासीदास विश्वविद्यालय) से मैने इतिहास विषय में एम.ए. किया है।
सवालः- क्यो शोध करना चाहते है जी?
जवाबः- सर, मैं खोज करना चाहता हू और शोध कर आधुनिक मानव समाज ने जिसे भूला दिया जो हमारे इतिहास से छूट गया उसे मैं दुनिया कों बताना चाहता हूॅं मूझे आगे पढ़ना और सिखना है।
सवालः- शोध का विषय?
जवाबः- सर मैं सबरिया जनजाति पर शोध करना चाहता हू, जो जाजंगीर चांपा में बहुतें है उनकी मान्यता और संस्कृति के विषय में अलग है और लोग अनभिग्ज्ञ भी।
जवाब देने से बचते रहे जिम्मेदार
इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष लेने कुलपति प्रो. अंजली गुप्ता से संम्पर्क किया गया लेकिन उनके तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली वहीं चयन समिति में एचओडी डाॅ. शिमा पाण्डे से संम्पर्क किया गया उन्होंने काॅल उठाया लेकिन रिर्पोटर का परिचय सूनते ही उन्होंने फोन काट दिया और एसएमएस के जरिये बताया कि वे सीएमसी अस्पताल में है इसके बाद उन्हे देर बाद काॅल किए जाने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
थक हार के पहुचा मुखिया के दरबार
शिक्षा के अधिकार के लिए गणेश अब इस पूरे मामले की शिकायत लेकर प्रदेश के मुखिया के पास पहुचे तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनके साथ न्याय होगा । गणेश कोसले का
मोबाइल नंबर 888 9092 801 है ।
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धनंजय बरमाल
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