भारत की पत्रकार मालिनी सुब्रह्मण्यम को इंटरनेशनल प्रेस फ्रीडम अवार्ड
बस्तर में पत्रकारों के संघर्ष एवं पत्रकार सुरक्षा कानून पर दो सप्ताह तक अमेरिका के विश्व विद्यालयों में कार्यक्रम
बस्तर में विषम परिस्थितियों में पत्रकारिता कर रही मालिनी सुब्रह्मण्यम को अमेरिका में कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट द्वारा इंटरनेशनल प्रेस फ्रीडम एवार्ड से नवाजा जायेगा | इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने मालिनी सुब्रह्मण्यम भारत से अमेरिका रवाना हो चुकी हैं | न्यूयार्क में 22 नवम्बर को दुनिया भर में पत्रकारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए काम करने वाली अन्तराष्ट्रीय संस्था “कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट” द्वारा यह अवार्ड दिया जा रहा है | यहाँ मालिनी सुब्रह्मण्यम सहित विश्व के चार पत्रकारों को “इंटरनेशनल प्रेस फ्रीडम एवार्ड” से सम्मानित किया जाना है । भारत से विभिन्न फ्लाइटों से मालिनी सुब्रह्मण्यम और कमल शुक्ला 15 नवम्बर को वाशिंगटन डीसी पहुँच चुके हैं | यहाँ के अलावा बाल्टीमोर, हॉपकिन्स व जार्ज टाउन के विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम है |जहाँ अवार्ड का मुख्य कार्यक्रम 22 नवम्बर को है | 26 और 27 को वाशिंगटन में, 28 को सेनफ्रांसिस्को में, 29 को स्टेनफोर्ड और बर्कले में वर्कशॉप है। पत्रकारों के रुकने की व्यवस्था स्टेन फोर्ड में है और वापसी फ्लाईट सेनफ्रांसिस्को से न्यूयार्क के लिए 30 नवम्बर की शाम 4 बजे है । 30 नवम्बर को कमल शुक्ला जी अपने करीबी रिश्तेदार के घर बिताएंगे |
पत्रकारों के दमन के खिलाफ संघर्ष एवं पत्रकार सुरक्षा कानून पर भाषण
भारत के बस्तर सहित छत्तीसगढ़ में पत्रकारों के दमन के खिलाफ चलाये गए संघर्ष के अनुभव और पत्रकार सुरक्षा कानून के ड्राफ्ट जिसे पीयूसीएल छत्तीसगढ़ द्वारा तैयार किया गया पर कमल शुक्ला अपनी बात विभिन विश्वविद्यालयों में रखेंगे। अन्य स्थानों पर कमल शुक्ला और मालिनी सुब्रह्मण्यम का भाषण है । छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता के लिए बनी खतरनाक स्थिति, कार्पोरेट लूट और सरकारी षड्यंत्र व माओवाद के बीच पिसते आदिवासियों की स्थित तथा पत्रकारों के अनुभव के बारे में प्रमुखता से बातें होंगी। ऐसी खबर है कि इसी बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह भी निवेशकों व कॉरपोरेट घरानों से अपनी बात रखने और इन्हें निवेश हेतु आमंत्रित करने अमेरिका जाने वाले हैं।