आदिवासी अस्मिता की जगार कर उसे जीवन के सवालों से जोड़ा था दादा मरकाम ने

गोडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व विधायक एवं छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन के संस्थापक सदस्य दादा हीरा सिंह मरकाम जी

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राजीव-राहुल-भूपेश के गोदग्राम दुगली में ताकतवरों ने जलाई आदिवासियों की झोपड़ियां, किया सामाजिक बहिष्कार, माकपा ने कहा : कार्यवाही करो सरकार!

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने धमतरी जिले के नगरी विकासखंड के ग्राम दुगली के आश्रित ग्राम दिनकरपुर में वन ग्राम समिति और इसपंचायत के सरपंच, सचिव की अगुआई में 20 आदिवासी परिवारों के घरों को तोड़ने, आग लगाने, उनकी फसल को जानवरों से चरानेऔर इन परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने के कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार करने, आदिवासियों कोहुए नुकसान की सरकार द्वारा पूरी भरपाई करने तथा पीड़ित आदिवासी परिवारों को वन भूमि का पट्टा देने की मांग की है। आदिवासी परिवारों के घरों में कई गई आगजनी की तस्वीरों को जारी करते हुए आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिवसंजय पराते ने कहा है कि 13 अक्टूबर को प्रशासन द्वारा उन्हें उजाड़े जाने के बाद पीड़ित आदिवासी परिवार पिछले पांच दिनों से बाल-बच्चों सहित धमतरी में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हुए हैं, लेकिन प्रशासन चुप है। माकपा जिला सचिव समीर कुरैशी के नेतृत्व मेंपार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित आदिवासियों से मिला। पीड़ितों के अनुसार वे 1993-94 से वन कक्ष क्रमांक 266 की वन भूमि परकाबिज है और खेती कर रहे हैं। साढ़े तीन साल पहले भी इस पंचायत के ताकतवर लोगों ने उन लोगों पर हमला करके उनकी झोपड़ियोंको नष्ट कर दिया गया था। तब यदि हमलावरों के खिलाफ कार्यवाही होती, तो अब दुबारा हमला नहीं होता। उन्होंने बताया कि उनकेवनाधिकार के दावों को भी बिना कोई कारण बताए निरस्त कर दिया गया है।  अपने बयान में माकपा नेता ने उन पीड़ित परिवारों के नामों का भी उल्लेख किया है, जिनके घरों को तोड़कर आग के हवाले किया गयाहै। इसमें पंचायत के एक पूर्व सरपंच राकेश परते और एक वर्तमान पंच गीताबाई कोर्राम की झोपड़ी भी शामिल है। अन्य नाम इसप्रकार है : बीरबल सोनवानी, प्रताप सिंह मंडावी, रमुला बाई चक्रधारी, राधिका सोनवानी, कीर्तन मरकाम, बालेन्द्र नेताम, राम सोरी, सुनीता बाई, प्रेम बाई, चमेली बाई, हरीश कुमार, मताबाई, भिखारी राम, दिनेश, भीखम सिंह आदि।  उल्लेखनीय है कि इस दुगली गांव में 14 जुलाई 1985 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी सपरिवार सोनिया-राहुल समेत पहुंचे थे।कमारों के आतिथ्य का कड़ू कांदा, मड़िया पेज, कुल्थी दाल और चरोटा भाजी का स्वाद ग्रहण करते हुए इस गांव को गोद लेने कीघोषणा की थी। चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दिवंगत राजीव की प्रतिमा के अनावरण के लिए पिछले साल 20 अगस्तको फिर दुगली पहुंचे थे और 150 करोड़ रुपयों के विकास कार्यों की घोषणा के साथ ही सभी आदिवासियों को वन भूमि का पट्टा देने कीभी घोषणा की थी। माकपा नेता ने आरोप लगाया कि पूरे राज्य में किसानों और आदिवासियों को उनकी काबिज भूमि से बेदखल करने का खेल चल रहा हैऔर पूरा प्रशासन इस काम मे भूमि माफिया का साथ दे रहा है। उन्होंने कहा कि वनाधिकार कानून में कहीं भी कब्जाधारियों की बेदखलीका प्रावधान नहीं है और इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने खुद के निर्णय पर स्टे दिया है। इसलिए इन आदिवासियों को उनकी वनभूमि से बेदखल करने का कोई अधिकार पंचायत और वन ग्राम समिति के पास नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इन पीड़ितआदिवासियों को बेदखल करने के लिए ही उनके वनाधिकार के आवेदन पत्र गैरकानूनी तरीके से निरस्त किये गए हैं। माकपा ने कहा है कि यदि प्रशासन पीड़ित आदिवासियों के पक्ष में सक्रिय होता, तो अपराधी जेल में होते और उन्हें न्याय पाने के लिएधरना पर नहीं बैठना पड़ता। आदिवासियों के संघर्ष को समर्थन देते हुए पराते ने बताया है कि 26-27 अक्टूबर को माकपा जिला सचिवसमीर कुरैशी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल दुगली का दौरा करेगा और इस उत्पीड़न पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा। संजय पराते

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कांग्रेसी राज कांग्रेसी विधायक कांग्रेसी पंचायत फिर भी राजीव राहुल भूपेश के गोदग्राम में आदिवासियों का उत्पीड़न और मौन प्रशासन

धमतरी जिले के नगरी विकासखंड का दुगली गांव याद है न आपको! जी हां, वही दुगली गांव, जहां 14 जुलाई 1985 को तत्कालीनप्रधानमंत्री राजीव गांधी सपरिवार सोनिया-राहुल समेत पहुंचे थे। कमारों के आतिथ्य का कड़ू कांदा, मड़िया पेज, कुल्थी दाल औरचरोटा भाजी का स्वाद ग्रहण करते हुए इस गांव को गोद लेने की घोषणा की थी। पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आने वाला यह गांव तब सेआज तक विकास की बाट जोह रहा है। यह वही गांव है, जहां चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिवंगत राजीव की प्रतिमा के अनावरण के लिए पिछले साल 20 अगस्त को फिर दुगली पहुंचे, 150 करोड़ रुपयों के विकास कार्यों की घोषणा की और सभी आदिवासियों को वन भूमि का पट्टा देने कीघोषणा की। यह उसी आदिवासी गांव दुगली की खबर है, जहां के आश्रित ग्राम वसुंधरा धोबाकछार के 20 आदिवासी परिवारों के लगभग 100 लोगअपने बाल-बच्चों सहित पिछले 5 दिनों से धमतरी जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के बाद अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। उनकाकहना है कि बीते 13 तारीख को वन विभाग से नियंत्रित वन प्रबंधन समिति की अगुआई में#उनके_घरों_को_तोड़कर_आग_लगा_दी_गई_है, जबकि वे 1993-94 से वन कक्ष क्रमांक 266 की वन भूमि पर काबिज है और खेतीकर रहे हैं। उन्हें उजाड़ने और वन भूमि से भगाने के लिए उनका सामाजिक बहिष्कार भी किया जा रहा है और उनकी फसलों को जानवरोंसे चरवा दिया गया है।  उनको वन भूमि से भगाने का यह पहला प्रयास नहीं है। साढ़े तीन साल पहले 20 मार्च 2017 को भी उन पर हमला करके उनकीझोपड़ियों को नष्ट कर दिया गया था। अपनी काबिज वन भूमि पर वनाधिकार के दावे के लिए उन्होंने आवेदन भी दिया था, लेकिन बिनाकोई कारण बताए मौखिक रूप से उनके दावे निरस्त होने की सूचना दे दी गई। इस प्रकरण के सामने आते ही माकपा नेता समीर कुरैशी ने  तत्काल धरनारत पीड़ित आदिवासियों से मुलाकात की और उनके संघर्षों कासमर्थन किया। उन्होंने मांग की है कि आदिवासियों को उत्पीड़ित करने वाले लोगों पर कानूनी कार्यवाही हो, उनकी संपत्ति को पहुंचेनुकसान का उन्हें मुआवजा मिले और काबिज वन भूमि के पट्टे दिए जाएं। पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल 25-26 को इस गांव का दौरा भीकरेगा।

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पद्मविभूषण डॉ. तीजन बाई ने किया ‘छत्तीसगढ़ गाथा’ को लांच

छत्तीसगढ़ से पहले सकारात्मक स्टोरी पोर्टल छत्तीसगढ़ गाथा डॉट कॉम का शुभारंभ मंगलवार को पद्मविभूषण डॉ. तीजन बाई ने गनियारी स्थित अपने निवास पर किया. इस अवसरपर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ गाथा अपने नाम के अनुरूप छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक नई गाथा लिखे. उन्होंने पोर्टल के शुभारंभ परप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि नाकारात्मक माहौल में सकारात्मक कोशिश की जितनी तारीफ की जाए कम है. उन्होंने पूरी गाथाटीम को अपनी शुभकामनाएं दीं.  गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ गाथा डॉट कॉम छत्तीसगढ़ का पहला पॉजिटिव स्टोरी पोर्टल है. इसमें आसपास की सकारात्मक कहानियों केसाथ इतिहास, कला-संस्कृति, साहित्य से जुड़े रोचक किस्से-कहानियों को शामिल किया जाएगा. इसके अलावा पुरानी यादें, यात्रावृतांत, ग्राम्य जीवन के साथ तस्वीरों को भी प्रमुखता से स्थान दिया जाएगा. इसके अलावा और भी बहुत कुछ पोर्टल के माध्यम सेपाठकों को पढ़ने, सुनने और देखने को मिलेगा. मंगलवार को पोर्टल का शुभारंभ किया गया. पद्मविभूषण डॉ. तीजन बाई ने लैपटॉप काबटन दबाकर इसकी शुरुआत की. अब छत्तीसगढ़ गाथा पर नियमित तौर पर कहानियों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. अगर आपके पास भी ऐसी कोई सकारात्मककहानियां हैं और आपको लगता है कि उसे लोगों के साथ साझा किया जाना चाहिए तो छत्तीसगढ़ गाथा डॉट कॉम को ई-मेल पर लिखेंया फेसबुक, इंटाग्राम के साथ वाट्सएप पर संपर्क करें. एक नई शुरुआत के लिए टीम को आपकी शुभकामनाओं की भी जरूरत है… ।छत्तीसगढ़ गाथा डॉट कॉम छत्तीसगढ़ के युवा पत्रकार प्रफुल्ल ठाकुर और उनके साथियों द्वारा निराशा और हताशा के वर्तमान माहौल मेंसकारात्मकता का एक अभिनव प्रयोग है ।  लिंक यहां उपलब्ध… https://chhattisgarhgatha.com/

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84 लाख रुपये भ्रष्टाचार के आरोप में सिंचाई विभाग के इंजीनियर पर कार्यवाही हो – बसन्त ताटी

बीजापुर ( भूमकाल समाचार ) जिला पंचायत सदस्य बसंतराव ताटी ने जल संसाधन संभाग के प्रभारी ई ई जेपी सुमन

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नसबंदी कांड के अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करे कांग्रेस सरकार : माकपा

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने 6 वर्ष पूर्व भाजपा राज के समय बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड के सकरी गांव में

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पाकिस्तान से आता है, हिंदुओं के उपवास के लिए पवित्र सेंधा नमक

भारत में धर्मिक आस्थाओं से कई चीज़ें जुडी हैं । यहाँ तक कि व्रत में ज्यादातर लोग रोजमर्रा खाने में

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पुलिस कैम्प के विरोध में ग्रामीणों ने काट डाली सड़क, कई दिनों से टेंट लगाकर प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण..

के. शंकर सुकमा छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में खुलने वाले नए पुलिस कैम्प को लेकर ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन लगातार

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