कांकेर के सर्किट हाउस के सामने जमीन दलाल ने खड़ी कर दी अवैध कॉलोनी, 4 करोड़ में बेचा

अवैध कॉलोनी में बिजली कनेक्शन और पानी आपूर्ति पर अधिकारियों को दो-दो साल की जेल का प्रावधान

कांकेर। सर्किट हाउस के सामने जमीन दलाल और उसके भाई ने अवैध कॉलोनी खड़ी कर दी। रजिस्ट्री में कमलेश सिन्हा गवाह है। भूमि खसरा क्रमांक 207/1 को 9 खंडों में बांटकर दो-दो मंजिला आलिशान भवन खड़ा कर दिया है। प्रत्येक भवन को 45 लाख -50 लाख की दर से चार करोड़ रुपए में नगर पालिका की साठगांठ करते हुए बेच दिया है।

अवैध कॉलोनी का मामला रेरा पहुंचा तो रेरा के अधिकारी ने जांच के लिए नगर पालिका कांकेर को पत्र जारी किया।

नगर पालिका के एक सफेदपोश से मिलीभगत कर बरदेभाटा में दूसरी अवैध कॉलोनी का निर्माण शुरू कर दिया। यहां भी 4 करोड़ रुपए में जमीन का सौदा जमीन दलाल ने कर लिया है। रेरा को ठेका दिखाते हुए धड़ल्ले से बरदेभाटा में अवैध कॉलोनी खड़ी कर रहा है। अधिकारियों की मिलीभगत से शहर में अवैध कारोबार हो रहा है। इस संबंध में भूमकाल ने पड़ताल किया तो एक एक कड़ी खुलने लगी। जमीन दलाल का इतना रसूख है कि फरवरी माह में एसडीएम द्वारा नगर पालिका सीएमओ को कार्रवाई के लिए कहा गया लेकिन 10 महीने बाद भी नगरपालिका की हिम्मत नहीं हुई कार्रवाई करने के लिए।

सूचना के अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा मिले दस्तावेज के आधार पर मैंने अधिकारियों से संपर्क किया और बताया कि बिना अनुमति नगर में जमीन दलाल और उसका भाई इस तरह के अवैध कारोबार कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर कानून का डंडा क्यों नहीं चल रहा है। अधिकारी कार्यवाही करने के बजाए ज्ञान देना शुरू कर दिए। मैंने बताया कि शहर में 500 वर्ग मीटर या 8 टुकडों से अधिक निर्माण अवैध कॉलोनी की श्रेणी में आते हैं। निर्माण से पहले रेरा से अनुमति अनिवार्य होती है। बिना अनुमति इस तरह के हो रहे सभी निर्माण अवैध हैं।

कांकेर एसडीएम को अवगत कराने के बाद ना तो किसी प्रकार की कार्यवाही किया और ना ही अवैध कॉलोनी को सील कर रहे हैं। इस तरह के कारोबार में नगर पालिका, राजस्व विभाग कि अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है। भूमकाल अब शहर में इस तरह से हो रहे अवैध कालोनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छग शासन जब तक कार्यवाही नहीं करेगा। भूमकाल इस अभियान को निरंतर आगे बढ़ाता रहेगा, क्योंकि इस मामले की शिकायत 2 साल पहले की गई थी लेकिन शासन में किसी की हिम्मत नहीं हुई कार्रवाई करने के लिए। गरीबों की जमीन कौड़ियों के भाग लेने वाले जमीन दलाल कांकेर शहर में तेजी से पत्रकारिता की आड़ में दलाली कर रहा है। ऐसे दलाल से मुक्ति दिलाने के लिए भूमकाल एक-एक कड़ी का खुलासा करेगा। उप पंजीयक भी शक के घेरे में – यह भूमि डायवर्टेड भूमि है जिसके व्यवसायिक खरीदी बिक्री के लिए कलेक्टर की अनुमति की आवश्यकता होती है लेकिन किसी भी खरीदी बिक्री में कलेक्टर की अनुमति नहीं लगी है। पटवारी फल सब्जी की तरह नकल बांटते फिर रहे अवैध कॉलोनी अवैध बटांकन है क्यों नहीं देखते।

अवैध कॉलोनी में बिजली कनेक्शन और पानी आपूर्ति पर अधिकारियों को दो-दो साल की जेल का प्रावधान

अवैध कॉलोनी निर्माण में शासन द्वारा कड़ी कार्यवाही का प्रावधान किया गया है। अगर अवैध कॉलोनी में बिजली विभाग कनेक्शन देता है तो ऐसे अधिकारी के खिलाफ ₹100000 जुर्माना और 2 साल की जेल हो सकती है। पानी आपूर्ति करने वाले अधिकारी पर भी 100000 का जुर्माना और 2 साल की जेल हो सकती है। नगर पलिका के अधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं करना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है। अधिकारियों और निर्वाचित दलाल प्रतिनिधियों की मिलीभगत से इस तरह से शहर को बर्बाद किया जा रहा है। यही नहीं बड़े पैमाने पर कमीशन खोरी का खेल चल रहा है। भूमकाल कमीशन खोर दलाल भू माफिया का पर्दाफाश कर रहा है। पत्रकारिता की आड़ में काली कमाई सफेद करने वाले पत्रकार के खेल को भूमकाल उजागर कर रहा है। मैं जनता से अपील कर रहा हूं कि ऐसे दलाल पत्रकारों से सावधान रहें। शहर को बर्बाद करने के लिए दिनभर चाटुकारिता करने वाला शहर में अवैध कॉलोनी खड़ा कर करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर रहा है। ऐसे अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए माननीय न्यायालय में अर्जी लगाई जाएगी। ताकि शहर को बर्बाद होने से बचाया जा सके। आम नागरिक अगर ऐसे दलालों से जमीन या भवन खरीदी कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं। सभी निर्माण पर रोक लगेगी और कोर्ट ने गंभीरता से लिया तो सभी टूट जाएगा। ऐसे में खरीदी ना करें; अन्यथा आप सभी का पैसा डूब जाएगा।

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