भूपेश सरकार के खुले संरक्षण में भ्रष्ट अधिकारियों के पौ बारह

छत्तीसगढ़िया वाद के दिखावे की आड़ में ग़ैरछत्तीसगढ़ीयों को लूट की खुली छूट

पिछले सरकार के बदनाम अधिकारियों ढांड, शुक्ला व टुटेजा की जुगलबंधी से बन रहा भ्रष्टाचार का नया रिकॉर्ड

रायपुर ( भूमकाल समाचार ) छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद श्री विवेक ढांड वर्तमान में छत्तीसगढ़ भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण RERA के अध्यक्ष हैं, उनके खास अधिकारी श्री संजय शुक्ला एवं श्री अनिल टुटेजा काफी चर्चित रहे है। जन सामान्य को यह पता है कि, ये विवेक ढांड के बहुत खास अधिकारी है। श्री ढांड के द्वारा अपनी छवि सामान्य तौर पर ईमानदार अधिकारी के रूप में बनाने की कोशिश हैं, परन्तु उसके पीछे जो करोडों के जमीन का खेल उनके द्वारा इन अधिकारियों की मिलीभगत से किया जाता रहा है। इन अधिकारीयों के द्वारा आम गरीब किसान की अनभिज्ञता का लाभ लेकर उसे अंधेरे में रखकर उसकी जमीन कौड़ियों के मोल खरीदने का उपक्रम लगातार किया जाता रहा है। इस तरह से भारी लूट मचाई गई है और ईमानदारी की आड़ में बड़ी डकैती डाली जा रही है।

राज्य विभाजन के बाद हाऊसिंग बोर्ड 2004 से लेकर वर्ष 2015 जब-जब श्री ढांड प्रभावशाली हुए हैं। श्री संजय शुक्ला को हाऊसिंग बोर्ड एवं आवास विभाग में ही रखा गया ताकि कॉलोनी विकास की आड़ में उसके आस-पास की जमीन किसानों से सस्ते दर पर स्वयं एवं अपने रिश्तेदारों के नाम खरीदकर भविष्य में लाभ कमाने को गोरखधंधा जारी रखी जा सके। यह महत्वपूर्ण है कि श्री संजय शुक्ला लम्बे समय से हाऊसिंग बोर्ड एवं आवास से संबंधित विभागों में ही पदस्थ रहे है और वह फारेस्ट सर्विस के है, यह वह भूल ही गये हैं। फारेस्ट वाले जंगल में मंगल मनाते है। यह अधिकारी तो गिरोह बनाकर जमीन खरीदी ब्रिकी के नाम से शहरों में ही लूट करने में लगा है।

ध्यान रहे कि आय से अधिक संपत्ति मामले में आईएफएस अधिकारी संजय शुक्ला के करीब आधा दर्जन ठिकानों पर आयकर विभाग टीम ने वर्ष 2017 में छापा मारा था । तब उनकी पत्नी ने 6 करोड़ 70 लाख रुपये की अघोषित सम्पत्ति स्वीकार की थी । तब आयकर विभाग ने उनके बेटे व पत्नी के वीआईपी रोड स्थित होटल, ग्रीन वुड मैरेज गार्डन व शुक्लाज किचन पर छापा मारा था ।

हाऊसिंग बोर्ड के अनेक कॉलोनी बनाने का प्लान बने है और अति महत्वपूर्ण योजनाओं जिसके गोपनीय रखने का दात्यिव था परन्तु इन अधिकारियों ने इन गोपनीयता के आड़ में अपने स्वयं एवं अपने रिश्तेदारों के नाम से भविष्य में आने वाली क्षेत्र विकास योजनाओं के आसपास की जमीने उसी अंतराल में किसानों से कम दाम में खरीद ली गई है। जो विकास की योजनाओं के आने के बाद बहुत महंगी हो गई है। जिस समय कॉलोनी बनाने को योजना बनाई गई. उसी अंतराल में विवेक ढॉड ने अपने तथा रिश्तेदारों के नाम से तथा साथ ही संजय शुक्ला एवं इनके रिश्तेदारों के नाम से चेक बनाकर एकड़ों में जमीने खरीदी गयी। यह गौर करने योग्य है कि जहाँ पर हाऊसिंग बोर्ड की कॉलोनी आ रही जिसकी जानकारी इन अधिकारियों को ही है एवं आम पब्लिक को नहीं है. वहाँ पर उसी दौरान इन अधिकारियों एवं रिश्तेदारों के द्वारा एक साथ लगी हुई जमीने बड़ी-बड़ी जमीने खरीदकर उपरोक्त शासन के क्षेत्र विकास के गोपनीय जानकारी का उनके रिश्तेदारों के नाम से फायदा उठाया गया। इस तरह उन्होंने अपने पदों का दुरूपयोग किया है।

यह मात्र संयोग है, कहना हास्यास्पद होगा। इस तरह जमीन की खरीदी एक कॉलोनी में नहीं हुआ बल्कि सभी महत्वपूर्ण कॉलोनियों विकास की सभी योजनाओं में इसके द्वारा योजना बनाकर लाभ लिया गया। इसमें संदेह नहीं कि इन अधिकारियों के परिवार में जमीन में पैसा निवेश करने में सक्षम नहीं होगें, परन्तु मुख्य मुद्दा यह नहीं है, मुद्दा यह है कि, यह निवेश करने वाले लोग किस तरह से शासन की आने वाली स्कीमों की जानकारी रखकर उसी समय कॉलोनी से सटी हुई बड़ी-बड़ी जमीन खरीद रहे हैं। जो साफ तरीके से इंगित करता है कि प्लानिंग की जानकारी जो इन्हें गोपनीय रखा जाना चाहिए था; का लाभ इनके पारिवारिक सदस्यों के द्वारा लिया गया है। यदि यह उक्त मामला पद के दुरूपयोग एवं भष्टाचार का मामला नहीं है, तो सभी अधिकारी, मंत्री, नेता कुछ चंद दिनों में करोड़पति बन जाए तो यह भी सामान्य माना जाना चाहिए।

इस तथ्य का विवरण कॉलोनी वार इस प्रकार है:-
कचना हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी- इस कॉलोनी के लिए हाऊसिंग बोर्ड घर्ष 2004-05 में खसरा नं. 524 रकबा 5.00 एकड़ तथा उसी के पास अन्य खसरे पर 12.00 एकड़ भूमि का आवंटन कराए गए और इसी वर्ष इस भूमि से लगी हुई खसरा नं. 521 लगभग 0.60 एकड़ श्री विवेक ढॉड के द्वारा उनकी पुत्री साधना ढॉड के नाम से खरीदी गई। श्री संजय शुक्ला के नाम से पत्नी श्रीमती पियुरा शुक्ला के नाम से खसरा क्रमांक 539, रूपनारायण एण्ड संस एवं गोविदं पिता रूपनारायण, तेजप्रकाश पिता रूपनारायण सिविल लाईन के द्वारा खसरा क्रमांक 530, 532, 539 एवं 612 तथा श्रीमती कुसुम पति रूपनारायण, सरोज पिता रूपनारायण के नाम से खसरा कमांक 539, 541 तथा 542 में लगभग 9.00 एकड़ भूमि खरीदी गई। हाऊसिंग बोर्ड के कॉलोनी एवं इनकी भूमि का राजस्व नक्शा एवं फार्म यी अवलोकनार्थ संलग्न है। रूपनारायण श्री संजय शुक्ला जी के ससुर हैं और भोपाल निवासी हैं। कुछ जमीनों पर इनके द्वारा सिविल लाईन का पता एवं कुछ जगहों पर भोपाल का पता दर्शाया गया है। (नक्शा संलग्न हैं, जिसमें हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी एवं इन अधिकारी की भूमि का
लोकेशन स्पष्ट है।)

धरमपुरा हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी- धरमपुरा में आई.पी.एस.. आईएएस, आई.एफ.एस. एवं जजों के लिए कॉलोनी निर्माण करने हेतु वर्ष 2005 में खसरा नं. 172, 187, 241, 242, 278. 312 आदि पर रकबा लगभग 90.00 एकड़ भूमि भासन से आवंटित करायी गयी। श्री विवेक ढॉड, के द्वारा इसी भूमि से लगी हुई खसरा कमांक 183. 187. 162 165,766, 167, 169, 172,182, 183 एवं 293 में रकबा 18.12 एकड़ भूमि खरीदी गई। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि श्री ढॉड को जो हाऊसिंग बोर्ड के द्वारा जो प्लाट आबंटित किया गया, जमीन भी उसी से लगी हुई खरीदी गई। यह भी महज इत्तेफाक नहीं हो सकता। इस प्रकार श्री ढॉड और श्री शुक्ला के मिलीभगत से ही यह संभव हो सकता था। (नक्शा संलग्न है, जिसमें हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी एवं इन अधिकारी की भूमि का लोकेशन स्पष्ट है।)

बोरियाकला हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी- बोरियाकला में हाऊसिंग बोर्ड वर्ष 2007-08 में खसरा क्रमांक 1493, 1495, 1496, 1498 खसरा पर रकबा 100.00 एकड़ भूमि आबंटित करायी गयी और इसके आस-पास लगी हुई भूमि खसरा 1618/1 व 1018/6 श्री संजय शुक्ला के द्वारा पत्नि के नाम से, 1618/7 व 1618/8 सौम्या अतुल त्रिपाठी (यह संजय शुक्ला की साली है) के नाम से, 1618/3 श्रीमती दुर्गेश शरद शुक्ला के नाम से कुल 3.00 एकड़ तथा श्री विवेक ढॉड के द्वारा उनके पिता श्री सतपाल ढॉड के नाम से खसरा कं. 1619/1 व 1619/2 के नाम से 3.00 एकड़ तथा संयुक्त रूप से श्री कमलेश जैन के नाम से खसरा क्रमांक 1618/5. 1619/3. 1620, 1621,1622, 1623, 1624 व 1625 रकबा 16.00) एकड़ खरीदी गई है। इन अधिकारियों के द्वारा सभी कॉलोनी की आस-पास किस तरह से भूमि खरीदकर लाभ कमाया जाता है।(नक्शा संलग्न है, जिसमें हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी एवं इन अधिकारी की भूमि कालोकेशन स्पष्ट है।)

कबीर नगर, कोटा एवं टाटीबंध हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी- हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी बनाने के लिए शासन द्वारा कबीर नगर, कोटा एवं टाटीबंध में लगभग 300.00 शासकीय एकड़ भूमि आवंटित की गयी। इन तीनों कॉलोनियों के मध्य गोगांव में श्री संजय शुक्ला द्वारा पत्नी के नाम से खसरा कमांक 42/15, विवेक पिता एच. नारायण भोपाल के नाम से खसरा कमांक 42/18 पिता विजय तिवारी के नाम से खसरा कमांक 42/19 महेन्द्र नारायण पिता श्याम नारायण सिविल लाईन के नाम से खसरा क्रमांक 42/22 सौम्या पिता एच. नारायण के नाम खसरा कमांक 42/24 राजेन्द्र पिता सुरेश दीक्षित के नाम से खसरा कमांक 42/26 तथा अन्य नाम से खसरा कमांक 42/28 रकबा में कुल 3.41 एकड़ तथा इन जमीनों के बीच-बीच में उपलब्ध शासकीय भूमि खसरा कमांक 42/16, 42/17. 42/20, 42/21 एवं 42/27 कुल रकबा 9.00 एकड़ पर भी कब्जा किया गया। यह विकसित हो ये कॉलोनी से लगे हुए जमीन को खरीदने तथा बीच-बीच में सरकारी जमीन पर कब्जा करने का एक सोची समझी चाल है, जो पद के दुरूपयोग तथा भष्टाचार के श्रेणी में आता है। (नक्शा संलग्न है, जिसमें हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी एवं इन अधिकारी की भूमि का लोकेशन स्पष्ट

पुरैना, व्ही.आई.पी. रोड़ हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी- पुरैना में विधायकों मंत्रियों एवं सांसदों के लिए कॉलोनी निर्माण की योजना जैसे ही बनायी गयी। श्री संजय शुक्ला के द्वारा खसरा क्रमांक 482/2 स्वयं के नाम से, 410/3, 410/8, 410/13161/2 462/3.463/2, 463/3, 484/2, 464/4, 466/2, 466/9 एवं 466/10, श्री संजय शुक्ला की बहन शालनी शुक्ला के नाम से’ 463/1, 464/1, 462/5, भाई ब्रीजेश कुमार के नाम से 409/1, अन्य नाम से 4127 2, 412/3, कुल 6.00 एकड़ जमीन व्ही.आई.पी. रोड में खरीदी गयी। इस जमीन पर फोर सीजन वुड नाम से तथा शुक्ला किचन के नाम से व्यवसायिक परिसर का निर्माण किया गया। (नक्शा संलग्न है, जिसमें हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी एवं इन अधिकारों की भूमि का लोकेशन स्पष्ट है।)

सड्डू हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी एवं अन्य- हाऊसिंग बोर्ड के द्वारा गरीबों के लिए दीनदयाल कॉलोनी लाने के लिए जब शासन से जमीन ली गयी, उसी दरम्यान श्री शुक्ला के द्वारा भाभी श्रीमती कल्पना शुक्ला एवं अनिल कुमार के संयुक्त नाम से खसरा कमांक 174/2 कुल 1.50 एकड़ जमीन कॉलोनी से लगी खरीदी गयी। अन्यः कुम्हारी हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास 100.00 एकड़ तथा सिरपुर रोड़ पर 100.00 पप्पु खनुजा के फार्म हाऊस के आगे 120.00 एकड़ तथा नकटी नया रायपुर में 10.00 एकड और दलदल सिवनी में 1.00 एकड़ जमीन खरीदी गयी है।

उपरोक्त जानकारी प्रथम दृष्ट्या प्रकाश में आया है। श्री ढॉड एवं श्री शुक्ला के जुगलबंधी से भ्रष्टाचार के और कारनामे का उजागर करने के लिए विस्तृत जाँच की आवश्यकता है। जाँच के परिणाम स्वरूप इस तरह के और भी मामले प्रकाश में आने की संभावना है।

इस समाचार में उल्लेखित सभी तथ्यों के दस्तावेज भूमकाल समाचार के पास मौजूद है

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