सम्पादक के खिलाफ महिला आयोग के एफआईआर आदेश पर हाईकोर्ट की रोक, अध्यक्ष से मांगा जवाब
किरणमयी नायक की मनमानी पर हाईकोर्ट ने लगाया रोक, पत्रकार के खिलाफ शिकायत करने वाली से पूछा बताये कि बर्खास्त होने के बाद फिर उसी विभाग में कैसे मिली नौकरी ?
बिलासपुर (भूमकाल समाचार) । हाईकोर्ट ने पत्रकार सुशील शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के राज्य महिला आयोग के आदेश पर रोक लगाते हुए आयोग की अध्यक्ष से जवाब मांगा है।
कांकेर के पत्रकार सुशील शर्मा की ओर से दायर याचिका में बताया गया कि उन्होंने पर्यटन विभाग में की जनसम्पर्क अधिकारी अनुराधा दुबे की नियुक्ति को लेकर अपने समाचार पत्र में खबरें प्रकाशित की थीं। उन्होंने बताया था कि दुबे को 2012 में बिना किसी योग्यता के शासकीय विभाग में सीधे प्रतिनियुक्ति पर लाया गया था जबकि वह एक निजी स्कूल में कार्यरत थीं। भाजपा शासनकाल में इस बात की शिकायत की गई थी, जिसके बाद उनको हटा दिया गया था। वर्तमान सरकार की केबिनेट ने एक विशेष प्रस्ताव लाकर उन्हें फिर से नियुक्ति दे दी। इस समाचार को लेकर अनुराधा दुबे ने राज्य महिला आयोग में शिकायत की थी। आयोग ने शर्मा के खिलाफ पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।
शर्मा ने अधिवक्ता अवध त्रिपाठी के माध्यम से दायर याचिका में कहा कि आयोग को एफआईआर के लिये सिर्फ अनुशंसा करने का अधिकार है पुलिस को निर्देश देने का नहीं है। जस्टिस गौतम भादुड़ी की कोर्ट ने आयोग के आदेश के पालन पर रोक लगाते हुए सम्बन्धित पक्षों से जवाब मांगा है।