पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड लगभग 100 करोड़ रुपये की शासकीय नजूल भूमि को फ्री होल्ड करवाकर हड़पने की तैयारी में, अनापत्ति का समय कल तक
रायपुर ( भूमकाल समाचार ) छत्तीसगढ़ रेरा के अध्यक्ष विवेक कुमार ढांढ द्वारा अपने पद एवं प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए सन 1992 में रायपुर शहर के सिविल लाइन्स वार्ड में डेढ़ लाख वर्गफीट से भी अधिक जमीन शासन से अवैध रूप से नाम मात्र के भू-भाटक पर चुपचाप अपने माता-पिता, बहनों तथा स्वयं के नाम पर कब्जा कर उसका तीस साल का पट्टा बढ़वाने में भी सफल हो चुके हैं। अब वर्तमान में उसी जमीन को एक बार फिर सरकार की मौन सहमति से बाकायदा अख़बारों में इश्तहार देकर पुनः उस पर अपनी दावा / आपत्ति की उद्घोषणा प्रकाशित करवाया जा चुका है !

वर्ष 2007 में एकता परिषद के संयोजक स्वर्गीय रत्नेश्वर नाथ ने विवेक ढांड द्वारा सिविल लाइन रायपुर में डेढ़ लाख वर्गफीट जमीन हथियाने की शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री से की थी। उसके बाद भी रायपुर शहर के बीचोबीच अरबों की कीमत की इस जमीन को न तो बीजेपी बचा पाई और न अब कांग्रेस की इच्छाशक्ति दिख रही है । बता दें कि ढांढ ने यह जमीन पैसों से नहीं खरीदी; बल्कि “निवासीय उपयोग” हेतु कारण बताकर महज 594/-के वार्षिक भू-भाटक पर सरकार से छीन ली है। इस जमीन का कुल रकवा एक लाख बावन हजार पचास वर्गफीट (1,52,050 वर्गफीट ) है जो सिविल स्टेशन वार्ड के ब्लॉक 15 में, एक दूसरे से सटे हुए चार प्लाटों (प्लाट नंबर 17/38,17/39,17/40 तथा 17/41 ) में विभाजित है। इन चार प्लाटों पर विवेक ढांड, उनके पिता सतपाल, माता राजकुमारी तथा तीन बहनों के नाम चढ़ाये गये हैं। श्री ढांड के चारों प्लाट रायपुर के महत्वपूर्ण मोहल्ले; सिविललाइन में है, जहां भूमि का मूल्य बहुत अधिक है और दिन ब दिन आसमान छूता जा रहा है। स्पष्ट है कि श्री ढांड ने इतनी अधिक जमीन मात्र रहने के लिए नहीं जोड़ी है। उनका दूरगामी उद्देश्य का भी पर्दाफाश अतिशीघ्र हो चुका है।
एक अन्य सार्वजानिक सूचना के आधार से ज्ञात होता है जोकि (यूनाईटेड चैम्बर्स ऑफ लॉ) अधिवक्ता 198. जोर बाग, नई दिल्ली के द्वारा/नाम से प्रकाशित हुआ है कि, श्री विवेक कुमार ढांढ, पिता श्री सतपाल ढांड, निवासी सिविल लाइन, रायपुर तहसील एवं जिला रायपुर, छत्तीसगढ़. बहन श्रीमती राजकुमारी पुत्री श्री सतपाल ढांढ, निवासी सिविल लाइन, रायपुर, तहसील. एवं जिला रायपुर, छत्तीसगढ़ एवं श्री सतपाल ढांड पुत्र श्री गौरीशंकर ढांड, निवासी सिविल लाइन, रायपुर, तहसील एवं जिला रायपुर, छत्तीसगढ़ लीज होल्ड एवं भूमि का कब्जा अधिकार के संयुक्त तथा व्यक्तिगत रूप से स्वामी/धारक हैं जो निम्न में समाविष्ट हैं: प्लॉट नं. 17/38 स्थित सिविल स्टेशन ब्लॉक नं. 15. तहसील व जिला रायपुर, छत्तीसगढ़, माप 23,000 वर्ग फुट (अनुमानित): प्लॉट नं. 17/39.स्थित.सिविल स्टेशन ब्लॉक नं 15, तहसील व जिला रायपुर, छत्तीसगढ़ माप 18.700 वर्ग फुट (अनुमानित) एवं प्लॉट नं. 17-/40 स्थित सिविल स्टेशन, ब्लॉक नं. 15, तहसील व जिला रायपुर, छत्तीसगढ़ माप 58,300 वर्ग फुट (अनुमानित)।
उपरोक्त वर्णित व्यक्ति हमारे क्लाईट मैसर्स प्रभातम बिल्डटैक लि. के साथ एवं बिक्री अनुबंध में शामिल हैं जिसका पंजीकृत कार्यालय राष्ट्रीय टॉवर, 38, रानी झांसी रोड, नई दिल्ली पर स्थित है, जहाँ हमारे क्लाईट द्वारा 2.05.00,000/- (रू. दो करोड़ पाँच लाख केवल) का भुगतान आंशिक प्रतिफल के रूप में उपरोक्त व्यक्तियों को ऊपर वर्णित भूमि की खरीद हेतु किया भी जा चुका है। अगर किसी व्यक्ति को कोई जानकारी चाहिए तो वह हमारे कार्यालय में संपर्क कर सकता/सकती है। कोई व्यक्ति उपरोक्त व्यक्तियों से /या उपरोक्त वर्णित भूमि के संबंध में कोई लेन-देन करता है तो वह ऐसा अपने जोखिम और परिणाम पर करेगा/करेगी।
आश्चर्य का विषय है कि, प्रदेश में जहाँ आवासीय भूमि की मारामारी है और जिसके लिए झगड़ा, बलवा, आन्दोलन तथा हिंसा तक हो जाती है, ढांढ के द्वारा जब यह छल किया जा रहा था शासन में बैठे जिम्मेदारों ने अपनी आँखों में पट्टी बांधकर गांधारी की भूमिका अदा कर रहे थे और उनके कानों में जूं तक नहीं रेंगी… ! इस जमीन का कुल रकबा एक लाख बावन हजार पचास वर्गफीट (1,52,050 वर्गफीट ) है जिसका भू-भाटक महज 594/- आज के जमाने में एक मजाक प्रतीत होता है।
देश के लाखों बेघर नागरिक फुटपाथों में सोते हैं और बड़े ह्यूम पाइपों में रहते हैं, वहां भी दादा लोग उनसे किराया ले लेते हैं। ऐसे में विवेक ढांड जेसे भू माफिया रूपी अधिकारी को रेरा के अध्यक्ष जैसे पद पर शोभायमान करना कहाँ तह उचित है मुख्यमंत्री जी ? क्या ढांड जैसे अधिकारियों द्वारा पद का दुरुपयोग और चालाकी से इतनी बड़ी जमीनें हड़पना सरकारी सम्पत्ति की खुले आम डकैती / जमीने लूटने की छूट लोक कल्याणकारी प्रदेश की जनता का अपमान नहीं है ?