पशुपालन विभाग द्वारा धड़ल्ले से किए जा रहे हैं घोटाले से कैसे होगा भूपेश बघेल का गोठान का सपना साकार ?

पशु पालन विभाग द्वारा आत्मा योजना के अंतर्गत बीज और जैविक खाद वितरण के नाम पर लाखों का घोटाला !!

नीतीश मल्लिक

पखांजूर ( भूमकाल समाचार ) लोगों को पशुपालन के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलायी जा रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पशुपालन कार्यों से जुड़कर अपनी आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत कर सके । इन योजनाओं के तहत सरकार द्वारा ग्रामीणों को कई प्रकार की सुविधाएं और सामाग्रियां पशुपालन विभाग के माध्यम से दिये जाने को निर्देशित किये गए हैं परंतु ज़मीनी स्तर पर विभाग के कर्मचारी और अधिकारी आपस में सांठ-गांठ कर सरकार के इन महत्वकांक्षी योजनाओं में लाखों-करोड़ों का भ्रष्टाचार कर अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं ।

कोयलीबेड़ा ब्लॉक के परलकोट क्षेत्र में पशुपालन विभाग द्वारा ऐसे कई भ्रष्टाचार किये जा रहे हैं । पखांजुर पशुपालन विभाग द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार के मामले तब सामने आए जब सूचना के अधिकार द्वारा आत्मयोजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में बीज और जैविक खाद वितरण की सूची निकाली गई । सूचि में हितग्राहियों को 10 किलोग्राम बरसीम बीज , डीएपी खाद 23 किलोग्राम, यूरिया खाद 10 किलोग्राम एवं जैविक खाद 23 किलोग्राम प्रति हितग्राही वितरण किया जाना दर्शाया गया परंतु जब हितग्राहियों से इस योजना के अंतर्गत मिलने वाले उक्त सामाग्रियों के विषय में पूछा गया तो उनके द्वारा बेहद चौकाने वाले खुलासे किए गए ।

ग्राम पी.व्ही. 42 और ग्राम पी.व्ही. 15 के हितग्राहियों का कहना है कि पशुपालन विभाग के कर्मचारी फील्ड असिस्टेंड सुभाष राय के द्वारा वाहन में इन सामाग्रियों को हमारे घर जरूर लाया गया था परंतु उक्त सामानों को वाहन से उतारकर हमें बुलाया गया और सामान के साथ खड़े करके विभाग के कर्मचारियों द्वारा हमारी फ़ोटो ली गयी और धोखे से हमसे एक कागज पर हस्ताक्षर लिए गए उसके पश्चात तत्काल उन सामानों को विभाग के कर्मचारियों द्वारा वाहन में भरकर पुनः ले जाया गया , साथ ही कई हितग्राहियों का ये भी कहना है कि वितरण सूची में उनके जो हस्ताक्षर दिख रहे है वो उनके द्वारा नहीं किये गए है बल्कि किसी ने उनका फ़र्जी हस्ताक्षर किया हैं ।

हितग्राहियों का यह भी कहना है कि इन सामाग्रियों में से केवल एक-दो सामान देकर ही हमें लौटा दिया गया हैं । परलकोट क्षेत्र में ऐसे सैकड़ो मामले हैं जिसमें पशुपालन विभाग द्वारा जमकर भ्रष्टाचार की गयी हैं । वही विभाग के अधिकारी और कर्मचारी से जब इस विषय में पूछा गया तो उनके द्वारा फ़ोन कॉल काट दिया गया साथ ही वो इस विषय में कुछ भी कहने से बचते नज़र आये ।

*जहाँ एक ओर मुख्यमंत्री भुपेश बघेल द्वारा गोठानों का निर्माण कर पशुपालन और पशु उत्पादों से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुदृढ करने की योजनाएं चलायी जा रही है वही पशुपालन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा भोले-भाले हितग्राहियों के हक़ में डाका डाला जाना कही न कही इस विभाग में कई और बड़े भ्रष्टाचार के मामलों की ओर साफ ईशारा करते है ।*

नीतीश मल्लिक

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