आरोग्य सेतु पर नया खुलासा

एप उपयोग कर्ताओं की प्राइवेसी खतरे में, डाटा का हो सकता है गलत इश्तेमाल , सेना ने भी इस एप की वजह से सुरक्षा का उठाया सवाल

आरोग्य सेतु की प्रायवेसी को लेकर राहुल गाँधी ने जो सवाल उठाए है वो मैं 14 अप्रेल को ही अपनी पोस्ट में पूछ चुका था राहुल गाँधी के सवाल पर रविशंकर प्रसाद जी ने बोला है कि इस आरोग्य सेतु एप्प को किसी निजी ऑपरेटर को आउटसोर्स नही किया है पर रविशंकर जी से यह सवाल पूछना चाहिए कि वो 30 वालंटियर कौन थे जिन्होंने इस एप्प को बनाया था

इन 30 वालंटियर में गूगल में काम कर चुके ललितेश है और मेक माय ट्रिप वाले दीप कालरा है जो 23 अप्रैल को बाकायदा इंटरव्यू देकर इस एप्प का निर्माण करने का दावा कर रहे है और जो खूबियां और बारीकियां वो बता रहे है वो वही बता सकता है जो एप्प की डेवलपमेंट टीम का हिस्सा रहा हो तो ऐसे मैं सच कौन बोल रहा है इसका जवाब कौन देगा??

इस एप्पलीकेशन की सुरक्षा पर कितना कम ध्यान दिया गया है की आप इस एप को प्ले स्टोर के अलावा apk को डायरेक्ट भी इंस्टाल कर सकते है और रिवेर्स इंजीनियरिंग करके उसकी टर्म्स और कंडीशन को भी बिना माने बिना परमिशन कोई परमिशन के हासिल कर सकते है जिससे सरकार को डाटा भी नही पहुँचेगा अब सरकार सभी निजी और सरकारी कर्मचारियों के लिए इसे अनिवार्य कर रही है तो इस बात की क्या ग्यारन्टी है कि वो सारा डाटा सही हाथो में जायेगा…!!!

भारत की सेना ने भी इसकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए है कोई भी इससे मिलती जुलती नाम वाली ऐप बना कर डाटा क्लोनिंग कर सकता है और देश की सुरक्षा में सेंध लगा सकता है सरकार के पास इतने बड़े डाटा को सुरक्षित रखने के लिए डाटा सेंटर भी नही है तो ऐसे में सरकार किसी निजी कंपनी के क्लाउड सर्वर का उपयोग जरुर कर रही होगी ऐसे में रविशंकर प्रसाद जी से यह 5 सवाल अवश्य पूछे जाना चाहिए

  1. इस ऐप के माध्यम से कौन सा खास डेटा एकत्र किया जाएगा ?? और किसके पास इसका एक्सेस रहेगा ??

2.यह डाटा कब तक और किस सर्वर पर सेव किया जाएगा और उन सर्वरों का मालिक कौन है सरकार या कोई ??

3.एप्प से डेटा का उपयोग करने में सरकार की क्या योजना है?

4.उन 30 वालंटियर के क्या नाम है और उनके इस एप्प के निर्माण करने के दावे मैं कितना दम है ???

5.सरकार ने ऐप की सुरक्षा के लिए किन अंतरराष्ट्रीय मानकों का उपयोग किया गया है ???

मैंने सरकार को एक सुरक्षित ऐप का आइडिया 2 महीने पहले दिया था लेकिन सरकार ने पता नही किस से ऐप बनवा ली जबकि भारत आईटी सुपर पावर है और देश के कितने ही इंजीनियर औऱ कम्पनीया इससे बेहतर और सुरक्षित ऐप बना सकने में सक्षम है पर यह सरकार न तो सुझाव मानती है और न सवालो का जवाब देती है पर कोई क्या करे “चोरी ऊपर सिनाजोरी” की आदत जो पड़ी है ईश्वर सद्बुद्धि दे

अपूर्व भारद्वाज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!