नारायणपुर में एक समुदाय ने चर्चो में किया हमला, हमले में एसपी सदानंद का भी सिर फूटा
जल जंगल और जमीन की लड़ाई से ध्यान भटकाने में सफल हुए षड्यंत्रकारी
हजारों संख्या में शहर में घुसे सांप्रदायिक हमलावर ,बंगलापारा स्थित चर्च में समुदाय ने किया हमला ,लाठी डंडों से लैस हो होकर पहुचे थे मसीही विरोधी लोग

कांकेर । आगामी आमचुनाव पूर्व आदिवासी क्षेत्रों में वोट की राजनीति के लिए व जल जंगल के मुद्दों पीआर 17 से ज्यादा जगह चल रहे आंदोलन से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा ने हिंदूवादी संगठनों के साथ मिलकर षडयंत्र रचना शुरू कर दिया है । इस षडयंत्र में बस्तर के नारायणपुर,कोंडागांव व कांकेर के अधिकारी खुलेआम षडयंत्र करियों के मनसुबो के साथ नजर आ रहे । हालांकि इसका खमियाजा खुद नारायणपुर एसपी को हिंसा का शिकार बन कर भुगतना पड़ा है, जबकि इस घटना के बाद भी हमलावरों के हौसले बुलंद है ।
मसीही प्रार्थना सभा में जाने वाले आदिवासियों व अन्य आदिवासियों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश व आदिवासियों को हिंदू साबित करने का षडयंत्र साफ नजर आ रहा है । जिसका नुकसान आदिवासियों के जल जंगल और जमीन की लड़ाई पर भी साफ प्रभाव पड़ते दिख रहा है । हालांकि इस सुनियोजित पैदा किए जा रहे तनाव का फायदा बीजेपी को मिलते साफ दिख रहा ।
पिछले महीने भर से नारायणपुर के गांव गांव से विश्वासी/मसीही समाज के ग्रामीणों को मारपीट कर दौड़ा दौड़ा कर निकाला जा रहा था, तब नामजद शिकायत होने पर भी नारायणपुर पुलिस ने भड़काने वालों पर कार्यवाही नही की, मामला भड़काने दिया । एक ही दिन 18 दिसंबर को एक साथ 16 गांव में बैठक कर बहुसंख्यक लोगों ने गांव गांव से 5 सौ से ज्यादा लोगो को गांव से निकाल दिया तब इन्हे किसी पर कार्यवाही की जरूरत महसूस नही हुई । आज नारायणपुर में भड़काऊ सभा आयोजित था तब भी इन्होने परवाह नही की – कि आगे किसी बड़े तनाव में बदल सकता है इसकी भी इन्होंने चिंता नही की,
आज नारायणपुर के बखरू पारा में सुबह ग्यारह बजे से हजारों की संख्या में लाठी डंडों से लैस होकर भड़काऊ नारे लगाते हुए बैठक जारी रहा, मगर प्रशासन ने कोई फल नही की बल्कि उन्हें एक तरह से खुली छूट देकर गुंडागर्दी करने के लिए बल दिया, तब यही एसपी रोब नही दिखा पाये, । अब खबर आ रही है कि इस भीड़ ने नारायणपुर के चर्चो में हमला कर दिया है ,हजारों संख्या में शहर में घुसे हमलावर ,बंगलापारा स्थित चर्च में समुदाय ने किया हमला ,लाठी डंडों से लैस हो होकर पहुचे है, भोजराम और नेताओं के साथ , पुलिस हाथ बांधे उनके साथ खड़ी है । जबकि खबर यह भी है कि इस भीड़ ने खुद इन्ही पुलिस अधीक्षक को नही छोड़ा जिसने इन्हे मन मानी करने की छूट दी ।सूत्रों के अनुसार चर्च पर हमला करने वालों की भीड़ ने कई पुलिस वालों के साथ नारायणपुर पुलिस अधीक्षक सदानंद के सिर में डंडों से वार किया है, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं ।
अगर इस घटने की शुरुवात की बात करें तो घटना शुरू हुई 26 अप्रैल 2022 से, जब भाजपा नेता भोजराम नाग, रूप साय सलाम, झाड़ी सलाम, नारायण मरकाम को आगे रखकर आरएसएस व हिंदूवादियों के नेतृत्व में खुले आम धर्मांतरित आदिवासियों के खिलाफ डी लिस्टिंग की मांग को लेकर नारायणपुर सहित जगह जगह रैली निकाल कर खुलेआम अवैधानिक नारा दिया *रोको, टोको और ठोको* । रैली और सभा में खुलेआम भीड़ को भड़काया गया , आज परिणाम सामने है । लोगों के साथ पिछले दिनों मारपीट के मामले में भी कोई कार्यवाही न कर प्रशासन ने अपना पक्ष व मंशा तो बता ही दिया था ।
फिल हाल अपना घर, मुर्गी मुर्गा, जानवर, को मार खाकर छोड़ने के लिए मजबूर गिनती के कुछ लोगों पर नारायणपुर पुलिस ने पहले तो उन्हे सुरक्षा देने से इंकार कर उन्हें वापस मार खाने के लिए उनके गांव भेजा, और अब उन पर ही उनका विरोध कर रहे बहुसंख्यक लोगों के साथ मारपीट का जबरदस्त आरोप लगाकर अपनी भूमिका निभाई है । क्या यह अधिकारी इतने ही दम खम से ” रोको, टोकों और ठोको” का नारा देकर स्व दिलीप सिंह जूदेव बनने की कोशिश कर रहे भोजराम नाग के साथ बात कर सकते हैं, जिनके नेतृत्व में कांकेर, कोंडागांव व नारायणपुर जिले में इन दिनों आग लगी है , जिसे भड़काने में बीजेपी को चुनावी फायदा दिलाने इन जिलों के सभी अधिकारी तन मन से जुट गए हैं ।
अक्तूबर से लेकर दिसंबर तक नारायणपुर जिले में मसीही/ विश्वासी ग्रामीणों पर अत्याचार की कहानी, राहुल गांधी को लिखा यह पत्र फिल हाल उन तक पहुंच चुका है, इस पत्र के अंतिम पृष्ठ पर 350 से ज्यादा लोगों के दस्तखत उनके पते वी पहचान के साथ है इसलिए उसे यहां पोस्ट नही किया गया है, उनके दस्तखत को मिलाकर कुल 30 पृष्ठ का पत्र है ।






