पहली बार ज्योतिषियों ने माना कि ग्रहण राहु-केतु की वजह से नहीं, छाया से होता है, पर डराना नही छोड़ा अंधविश्वास के खिलाफ विज्ञान की बड़ी जीत

चलो यह तो माने कि ग्रहण का कारण राहु केतु नहीं,छाया है

अंधविश्वास के खिलाफ विज्ञान की बड़ी जीत

डॉ. दिनेश मिश्र


बेंगलोर । आज 10 जनवरी 2020 को वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण पड़ने वाला है, यह तो हम जानते ही हैं सूर्य एक प्रकाशवान पिंड है,पृथ्वी एक ग्रह है ,और चंद्रमा पृथ्वी का ही उपग्रह, पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है, तथा चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है,.चंद्रग्रहण के बारे में भारत के महान खगोलविद आर्यभट्ट ने आज से 1500 वर्ष पहले ही बता दिया था , जब सूर्य की परिक्रमा करते हुए सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती हैं तब पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने के कारण सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता ,इसलिए चंद्रग्रहण होता है,इसे हम स्कूलों में विज्ञान के विषय में पढ़ाते है ।


इस बार चंद्रग्रहण में एक खास बात यह है कि पृथ्वी की छाया पूरी तरह से सूर्य के प्रकाश को नहीं रोक पा रही है इसलिए पृथ्वी की सिर्फ हल्की सी छाया ही दिखाई पड़ेगी इस लिए इस ग्रहण को खास नहीं बताया जा रहा है और एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि जो लोग ,अभी तक सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का कारण,सूर्य प्रकाश नहीं पहुंच पाने के कारण छाया पड़ने की बजाय चंद्र एवं सूर्य को राहु केतु नामक ग्रहों के ग्रसने का कारण मानते थे, वह भी इस बार ग्रहण का कारण राहु, केतु नहीं बल्कि चंद्रमा तक प्रकाश नहीं पहुंचने का कारण ,पृथ्वी की छाया ही मान रहे हैं और यह भी मान रहे हैं कि इसका कोई दोष नही लगेगा इस कारण ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा ।

दोस्तों विज्ञान के प्रचार-प्रसार और साइंस पॉपुलेराइजेशन का ही धीरे-धीरे बढ़ता प्रभाव है कि धीरे धीरे सूर्य और चंद्र ग्रहण के कारणों से तथाकथित राहु केतु ,सूतक, पातक अलग हो जाएंगे, यह विज्ञान लोकप्रियकरण एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के लगातार प्रयासों से वह संभव होगा, जब सूरज एवं चंद्र ग्रहणजैसी प्राकृतिक एवं खगोलीय घटनाओं को सभी लोग बिना किसी डर, अंधविश्वास और भ्रम के देख सकेंगे और यह विज्ञान और उसके प्रभावों की ही जीत होगी. प्रिय,दोस्तों वैज्ञानिक चेतना के प्रचार-प्रसार का काम लगातार जारी रखें वह दिन दूर नहीं कि जब सामान्य,प्राकृतिक अथवा खगोलीय घटनाओं पर भी आधारित अंधविश्वास समाप्त होने लगेंगे और तर्कहीन अंधविश्वासों के कारण होने वाली , चमत्कारों के नाम पर शोषण की,डायन,जादू टोने के नाम पर प्रताड़ना, बलि अमानवीय घटनाएं भी बंद हो जाएँगी .

डॉ. दिनेश मिश्र

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