तैमूर नाम को क्या लुटेरों ने पेटेंट कराया है : उदय Che

किसी भी इंसान की जिंदगी का सबसे अच्छा दिन वो होता है जिस दिन उसके घर नया मेहमान आता है, मतलब जब बच्चा होता है। महिला का भी ये एक नया जीवन होता है, एक नया जन्म एक असहनीय पीड़ा से गुजर कर वो इस नए मेहमान को जन्म देती है। 20 दिसम्बर को करीना कपूर और सैफ अली खान को भी ये ख़ुशी मिली। उनके घर भी एक नया मेहमान आया। उस मेहमान का कपूऱ फैमली ने और खान फैमली ने स्वागत किया। सैफ-करीना ने अपने नए मेहमान का नाम तैमूऱ अली खान रखा।
लेकिन कुछ अंधराष्ट्रवादी, धार्मिक रूढ़िवादी व् हिंदुत्ववादी संघठनो से जुड़े लोग जो करीना-सैफ की शादी के भी खिलाफ थे। उन्होंने उस समय भी बड़ा दुष्प्रचार किया था। वो इस नन्हे मेहमान के आगमन से खुश नही हुए। नन्हे मेहमान का नाम तैमूर क्या रखा। इन सभी धार्मिक अतिवादियों को जैसे पागल कुते ने काट लिया हो। ये सब एकदम सक्रिय हो गए। शोशल मिडिया पर गालिया देने से मरने तक की बद्दुवा इन संस्कृति प्रेमियों ने उस 2 दिन के मासूम बच्चे को दे दी। इन्होंने तो यहाँ तक भविष्यवाणी कर दी की तैमूर लंग ने अपनी माँ का कत्ल किया था ये तैमूर भी करीना का कत्ल करेगा।
सैफ-करीना को इन्होंने कितनी गालियां दी होगी इसकी गणना करना ही बेमानी है।
आज हम एक ऐसे समाज में जी रहे है जहाँ बच्चे के नाम से ही पूरे परिवार को देशद्रोही साबित कर दिया जाता है। धार्मिक अतिवादी, बच्चे का नाम रखने का अधिकार भी उस माँ से छीनना चाहते है। उस माँ से जिसने 9 महीने अपने बच्चे को पेट में रखा है। इसलिए उस पर अधिकार सिर्फ माँ का ही है। लेकिन आज हमारा समाज मानसिक तौर पर बीमार, कुंठित और कुंद होता जा रहा है। कभी सानिया मिर्जा की शादी के नाम पर, कभी करीना की शादी के नाम पर, कभी आमिर खान, कभी शारुख तो अब करीना-सैफ के बच्चे के नाम पर इस कुंद समाज की बीमारी उफान मारने लग जाती है।
इन मानसिक रोगियों का कहना ये है कि करीना ने अपने बच्चे का नाम तैमूर बहुत बड़े लुटेरे व् खुनी तैमूर लंग के नाम पर रखा है। जो सरासर गलत है उन्होंने ये नाम नही रखना चाहिए था।
अब इन जाहिलो से पूछने वाला अगर कोई हो की क्या लुटेरे तैमूर के पहले या बाद में कोई तैमूर नाम से अच्छा व्यक्ति हुआ ही नही या क्या तैमूर नाम को आप लोगो ने लुटेरे के नाम पर पेटन्ट करवा दिया है।
अगर आपका एतराज तैमूर पर इसलिए है क्योंकि उसने बहुत ज्यादा हिंदुओ को लूटा उनका खून किया। लेकिन उसने तो मुस्लिम शासकों को भी लूटा और मारा। अगर लुटेरे और खुनियो के नाम ऐसे पेटन्ट होने लग जाये और कोई अपने बच्चों के नाम न रखे तो खुनियो की लिस्ट बहुत ज्यादा लम्बी हो जायेगी। आप मुस्लिमो की लिस्ट बनाओगे तो दलित, आदिवासी और महिलाएं आप जिनको अपना आदर्श मानते हो उनकी लिस्ट बनाएंगे। तो क्या आप तैयार हो ऐसे लिस्ट को मानने के लिए। याद रखना ये लिस्ट बहुत ही लम्बी हो सकती है।
मुस्लिम शासक हो या हिन्दू शासक उन सभी ने अपनी लूट को जायज साबित करने के लिये धर्म, जात, क्षेत्र का चोला पहना। ये काम हिन्दू शासक भी करते रहे है और मुस्लिम भी।
दूसरा सवाल की जिस राम ने अपनी पत्नी को पेट से होते हुए घर से निकाल दिया। उस पत्नी को जिसने 14 साल राम के साथ वनवास को स्वीकार किया, ब्राह्मणों के कहने पर शुद्र ऋषि शम्भूक् को मार दिया, क्योकि वो वेद पढ़ रहा था, बड़े ही शातिराना तरीके से छुप कर राजा बाली को मार दिया। तो क्या महिलाओ, आदिवासियो और शुद्रो को इस क्रूर शासक के नाम से अपने बच्चो का नाम रखना चाहिए? तुलसी दासः ने कहा कि डोल, ग्वार, पशु, शुद्र और नारी ये ताड़ना के अधिकारी फिर भी आपको लाखो नाम तुलसी पर मिल जायेंगे, आपके भीष्म पितामह जो गंधार से जबरदस्ती गांधार की राजकुमारी गांधारी को उठा लाये और अंधे से शादी करवा दी, परशुराम ने अपनी माँ को मार दिया, कहते है कि 17 बार उसने धरती को क्षेत्रीय विहीन कर दिया था। फिर भी उसके नाम से आपको कोई परेशानी नही है। वो आपको खुनी हत्यारा नही धर्म का रक्षक लगता है। सबसे बड़ा अय्यास व् बलात्कारी इंद्र का नाम तो हर दूसरे भारतीय का मिला जाता है। विश्व के सबसे बड़े जुआरी पांडव जिन्होंने राज तो लुटाया ही अपनी पत्नी को भी लुटा दिया। लेकिन फिर भी वो धर्मराज है। शुद्र एक्लव्य का अँखुठा काटने वाले द्रोणाचार्य के नाम से आप जब आवार्ड देते हो, शिक्षण संस्थाओं के नाम द्रोंन के नाम से रखते हो क्या तब आपको शर्म नही आती की आप उस व्यक्ति को महान बना रहे हो जिसने अपने शिष्य की जिंदगी खराब कर दी थी। लेकिन आप अब भी उनको अपना आदर्श मानते हो। आप ऐसे मानसिक रोगी हो जो दूसरे धर्म के लुटेरे राजाओं को तो खुनी, हत्यारा की संज्ञा दे रहे हो लेकिन खुद के धर्म के क्रूर शासको को धर्म का रक्षक बता कर उसके सभी कुकर्मो पर पर्दा डाल रहे हो।
लेकिन हमारा साफ मानना है कि नाम से कोई गलत या सही नही होता उसके विचार उसका काम ये सब निर्धारण करता है की वो बुरा है या ठीक है।
Uday Che स्वतंत्र लेखक

 इस पोस्ट में व्यक्त विचार लेखक के अपने विचार है।

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