गढ़िया पहाड़ को लेकर आदिवासियों की लड़ाई हुई तेज गड़पिछवाड़ी के ग्रामीणों ने फिर निकाली रैली,, दिया ज्ञापन

विकास अंभोरे

कांकेर ( भूमकाल समाचार ) नगर के ऐतिहासिक प्राचीनतम गढिया पहाड़ को आस्था के नाम पर सौंदर्यीकरण किये जाने के लिए नगर पालिका द्वारा अधिपत्य की मांग पर एक बार फिर गढ़पिछवाडी के सैकड़ो महिला पुरुष ग्रामीणों ने पालिका की मांग को रद्द करने व पहाड़ को आरक्षित बता विरोध में ज्ञापन सौपा गया ।
ज्ञात हो कि कांकेर नगर पालिका ने दिनाक 12 जुलाई 2021 को जिला कलेक्टर के नाम पत्र लिखते हुए अवगत कराया था कि कांकेर के गढिया पहाड़ कांकेर वन विभाग के अधीन होने व ऐतिहासिक प्राचीनतम है जहाँ प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर वृहद स्तर पर आयोजन होता है, जहा पर्यटन को बढावा देने के लिए सौदर्यीकरण हेतु पहाड़ को पालिका प्रशासन को हस्तांतरित किया जाये । गढिया पहाड़ के स्वामित्व की मांग खबर मिलते ही आक्रोशित ग्रामीणों ने पालिका के मांग को खारिज करवाने के लिए इससे पहले भी जिला कार्यालय पहुचकर जिला कलेक्टर के नाम पालिका की मांग को खारिज करने की मांग की थी ।
एक बार फिर गढ़पिछवाडी के सैकड़ो महिला पुरुष ग्रामीणों ने पालिका की मांग को रद्द करने व पहाड़ को आरक्षित बता 11 बिंदुओं पर मांग कर कलेक्टर को ज्ञापन सौपा गया । वही मांगे पूरी नही करने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी गई है । ग्रामीणों का कहना है कि नगर पालिका जबरन गाँव के गढिया पहाड हथियाने की कोशिश कर रही है उक्त पहाड़ में ग्रामवासियों के देवी देवता विराजमान है, जिसकों आहतकर नुकसान पहुचाने की कोशिश में पालिका द्वारा किया उक्त पहाड़ में रियासत काल से ग्रामीण पूजा आर्चना करते आ रहे है पूर्व में भी वन विभाग ने चोरी छिपे ऐतिहासिक चीजों की खुदाई कर चुके जिसे आज तक वन विभाग ने उजागर नहीं किया है इस साफ़ है रियासत काल के खजाने की हथियाने के लिए इस तरह कुटरचना की कोशिश की जा रही है जिसका ग्राम वासी विरोध करते है यदि पालिका के मांग को ख़ारिज नहीं किया गया तो सभी ग्रामीण उग्र आन्दोलन करेगे। वही ग्रामीणों की मांग पर जिला प्रशासन ने मौखिक आश्वासन दिया गया है कि ग्रामीणों के मांग पत्र पर विचार कर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।


विकास अंभोरे

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