पामेड़ में पुल समेत बह गई बारह करोड़ की नई सड़क* बारिश के कहर से तेलंगाना से कट गए छत्तीसगढ़ के कई गांव

बीजापुर से गणेश मिश्रा की रिपोर्ट

बीजापुर। पिछले पंद्रह-बीस दिनों से जिले में हो रही मूसलाधार बारिश का खास असर देखने को मिला है। जहां यह बारिश किसानों के लिए फायदेमंद रहा तो कई इलाकां में नुकसान का सबब भी बना हैं। इसका जीता-जागता नजारा तेलंगाना की सीमा पर बसे पामेड़ में देखने को मिला। जहां पर बारिश नवनिर्मित सड़क समेत पुल को बहा ले गई। जबकि करीब आठ माह पहले ही इस सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण हुआ था और इसके माध्यम से तेलंगाना के चेरला शहर को जोड़ा गया था।

       इस सड़क के बनने से आवागमन की सुविधा बढ़ गई थी, परंतु पुल समेत सड़क के बह जाने से अब इलाके के लोगों के लिए समस्या खड़ी हो गई है। बारिश के दिनों में टापू में तब्दील होने वाले बीजापुर जिले के पामेड़ को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए तात्कालिन कलेक्टर डॉ अययाज ताम्बोली और एसपी केएल धु्रव के अथक प्रयासों के बाद पामेड़ से तिप्पापुरम तक पक्के सड़क का निर्माण किया गया। 12 करोड़ की लागत से बनने वाले 10 किमी लम्बे सड़क के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी बीजापुर के दिग्गज कांग्रेसी नेता जय कुमार नायर के कंस्ट्रक्शन कंपनी शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन को दिया गया। 

         आठ माह पहले ही शुरू हुए इस सड़क की पोल पहले बारिश में खुल गई थी, जब सड़क जगह-जगह धसक कर टूट गई थी । अब एक बार फिर से मूसलाधार बारिष के बाद पामेड़ और धरमाराम के बीच पामेड़ गांव से महज 200 मीटर दूर खेतों के बीच यह सड़क पुल समेत पूरी तरह बह गई है। जिसके चलते धरमाराम इलाके के दर्जनां गांव नदी और इस बहे हुए पुल और सड़क के चलते पामेड़ और तेलंगाना से पूरी तरह कट चुके हैं। पिछले दफे जब  इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, तब जिला प्रशासन और जिला निर्माण समिति ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच भी करवाई थी, परंतु इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। परिणामस्वरूप इस बार प्रशासन द्वारा मामले को दरकिनार करने के चलते पुल और सड़क पूरी तरह बह गई। 

            इस मामले में कंस्टक्षन कंपनी के ऑनर जय कुमार नायर का कहना है कि सड़क निर्माण के दौरान ही शासन-प्रशासन को अवगत करवाया गया था कि नई सड़क का निर्माण कराया जा रहा है और जब तक सड़क में निर्मित पुल-पुलियों में रिटर्निंग वॉल का निर्माण नहीं कराया जाएगा, तब तक बरसात के दिनों में सड़क के धसकने और पुल-पुलियो के ढहने का खतरा बना रहेगा। ( खबर नई दुनिया में प्रकाशित है )

गणेश मिश्रा

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