कागजों पर विकास , मौके पर घिसट रही जिंदगियां

राजेश हालदार का वीडियो रिपोर्ट

बस्तर । कांकेर जिले के पखांजुर मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर स्थित पोरियाहूर गाँव में मासूम बच्चें कुपोषण के शिकार । ज़िंदा रहने के लिए मासूम जिंदगियां रोजाना मौत से करती है एक-एक हाथ ।
यहां सभी शासकीय योजनाएं कागजों में सिमट कर रह गयी है । यहां न तो मोदी जी का शौचालय है और न ही उज्ज्वला योजना का अस्तित्व । लोग जंगल में शौच करते हैं और चूल्हे में बना खाना खाते हैं । पीने के लिए पूरे गांव के लिए एक ही हेण्डपम्प है , उसके बिगड़ जाने पर इन्हें तीन किमी दूर पहाड़ों पर बने झरिया तक जाना पड़ता है ।

बस्तर के युवा पत्रकार राजेश हालदार की मार्मिक रिपोर्ट के लिए वीडियो में क्लिक करें

राजेश हालदार पिछले दस वर्षों से बस्तर के ग्रामीणों के जीवन संघर्ष से जुड़े मुद्दे पूरी संवेदना के साथ मीडिया के माध्यम व्यवस्था के सामने लाते रहें हैं ।

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