केंद्र और राज्य दोनों सरकार से आदिवासियों का भरोसा उठ चुका, अब अपना अधिकार छीन कर लेंगे – सुखरंजन उसेंडी

दिल्ली (भूमकाल समाचार ) इंडिजिनियस पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखरंजन उसेंडी ने बस्तर के नारायणपुर में आदिवासियों की जल जंगल जमीन की मुद्दों का समर्थन किया।

   ज्ञात हो कि जल, जंगल और जमीन बचाने के लिए बस्तर के नारायणपुर में हजारों की तादाद में ग्रामीण सरकार के खिलाफ लामबंध हो आंदोलन कर रहे हैं । पिछले एक सप्ताह से यहां आमादई खदान कैंप को लेकर विरोध शुरू किया है । नारायणपुर के धौड़ाई के पास हजारों की संख्या में आदिवासी मौजूद हैं. घने जंगलों के बीच पारंपरिक हथियारों के साथ महिला और पुरुष आदिवासी धरने पर बैठे हैं. आदिवासी जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए धौड़ाई के पास रोड़ बंद कर दिए हैं, जिसके कारण नारायणपुर से आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा । 

   इंडिजिनियस पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखरंजन उसेंडी ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार दोनों मिलकर कारपोरेट के हित में आदिवासियों को जंगल से स्थापित करने के षड्यंत्र में लगे हुए हैं । उन्होंने बताया कि बस्तर के सभी सातों जिलों में आदिवासी जल जंगल जमीन को बचाने के लिए संघर्षरत हैं और इस आंदोलन को उनकी पार्टी का पूरा समर्थन है । उन्होंने बताया कि आदिवासियों के हक और अधिकार के लिए व्यापक लड़ाई लड़ने के लिए ही इंडिजिनियस पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया का गठन किया गया है ।

श्री उसेंडी ने आरोप लगाया है कि संविधान में मौजूद प्रावधानों की अवहेलना करते हुए बिना ग्रामसभा की स्वीकृति के सरकार ने चुपचाप अबूझमाड़ के आमादाई पहाड़ को निको कंपनी को बेच दिया है । अबूझमाड़ में मौजूद खनिज भंडारों के दोहन और आदिवासियों के विस्थापन के लिए ही नारायणपुर से दंतेवाड़ा मार्ग का निर्माण किया जा रहा है, इसका उद्देश्य जनता का भला करना नहीं बल्कि केवल कारपोरेट का भला करना है । इसी उद्देश्य के तहत सरकार ने अभी रोड बनने से पहले ही यहां के पहाड़ियों का सौदा करना शुरू कर दिया है जिसका आदिवासी विरोध करते रहेंगे । खदान के शुरू होने से उनके जल, जंगल और जमीन को भारी नुकसान होगा. वे अपनी धरती को भगवान की तरह मानते हैं. 
   उसेंडी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि वह आदिवासियों से झूठे वादे कर सत्ता में आए और अब आदिवासियों को ही उजाड़ने में लगे हुए हैं, पर अब आदिवासी सचेत हो चुके हैं और केंद्र और राज्य दोनों सरकार से उनका भरोसा उठ चुका है । बस्तर के आदिवासी अब अपना अधिकार छीन कर लेंगे, इसी उद्देश्य से इंडिजिनियस पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया का गठन किया गया है ।

सुखरंजन उसेंडी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!