सबसे बड़ा दिलवाला शिक्षक

विक्रम सिंह चौहान

इससे बड़ा दिलवाला शिक्षक दुनिया में और कोई नहीं है।वाकई ग्लोबल टीचर हैं महाराष्ट्र सोलापुर जिले के एक गांव पारितेवादी के प्राइमरी स्कूल टीचर रणजीत सिंह दिसाले। इन्हें वार्की फाउंडेशन की ओर से 7.38 करोड़ की धनराशि मिली है।इन्हें विश्व के 12 हज़ार शिक्षकों के बीच ग्लोबल टीचर चुना गया है। दिसाले इनमें से आधी धनराशि 10 उपविजेताओं को दे रहे हैं ताकि वे अपने देश में,अपने स्कूल में शिक्षा सुधारने में खर्च कर सकें।दिसाले को यह सम्मान उनके शिक्षा में नए प्रयास के लिए दिया गया।खासतौर पर उन्होंने लड़कियों को घर-घर जाकर सीधा स्कूल लेकर आये जिससे बाल विवाह उस क्षेत्र में पूरी तरह से रुक गया। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने डिजिटल माध्यम से शिक्षा जारी रखी।दिसाले ने अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर पहली बार किताबों में क्यूआर कोड शुरू करने की पहल की। उन्होंने हर पाठ और कविताओं का क्यूआर कोड बनाया है। इतना ही नहीं साल 2017 में महाराष्ट्र सरकार को ये प्रस्ताव दिया कि सारा सिलेबस इससे जोड़ दिया जाए। इसके बाद दिसाले की ये बात पहले प्रायोगिक स्तर पर चली और तब जाकर राज्य सरकार ने घोषणा की कि वह सभी श्रेणियों के लिए राज्य में क्यूआर कोड पाठ्यपुस्तकें शुरू करेगी। अब तो एनसीईआरटी ने भी ये घोषणा कर दी है। 32 साल के दिसाले 2009 से अपने स्कूल में बदलाव की शुरुआत की और आज पूरी दुनिया उसके स्कूल के बारे में जानना चाह रही है। सलाम है इस शिक्षक को।

विक्रम सिंह चौहान

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