कांकेर पुराना बस स्टैंड में खुलेआम उड़ रही है स्वच्छता अभियान की धज्जियां, खुले में शौच को मजबूर दुकानदार व ग्राहक, महिलाओं के लिए हुआ और मुश्किल

कांकेर । जिले के पुराना बस स्टैंड में नगर पालिका द्वारा कांप्लेक्स बनाकर बेचने के लिए पुराने दुकानदारों को उजाड़ने की प्रक्रिया किसी कारणवश रूक गई है, मगर इस बीच नगर पालिका ने अपने उस शौचालय को भी तोड़ डाला है जिसका उद्घाटन भी नहीं हुआ था । अब बकायदा जिला कलेक्टर की अनुमति से, पुलिस अधीक्षक की सहमति से व नगर पालिका के देखरेख में शौचालय विहीन लोग खुलेआम नदी किनारे कर रहे हैं शौच ! महिलाओं के लिए हो गई है शौच करना बड़ी समस्या हो गई है ।

यह कांकेर जिला मुख्यालय का पुराना बस स्टैंड है, जहां बाजार के 2 दिन सप्ताह में 20,000 से ज्यादा लोगों का आना जाना होता है । नगर पालिका द्वारा बिना किसी प्लान के अचानक किए गए तोड़फोड़ के बावजूद यहां पर सैकड़ों दुकानदार अपने व्यवसाय कर रहे हैं ।

अब इस तोड़फोड़ में लगभग 20 लाख की लागत से बना हुआ नया सुलभ शौचालय जिसका उपयोग भी अभी तक नहीं हो पाया था, उद्घाटन नहीं हुआ था, उसे तोड़कर नेस्तनाबूत कर, उसके सहित पुराने चालू सुलभ शौचालय को भी बंद कर दिया गया है ।

अब यहां नदी के किनारे बाकायदा जिला कलेक्टर की देखरेख निर्देशन और अनुमति से माननीय पुलिस अधीक्षक कांकेर के सक्रिय भूमिका से नगर पालिका की देखरेख में खुलेआम शौच का काम चल रहा है । पुराना और नया शौचालय मिलाकर कुल 50 लाख जमींदोज किया गया व किसी के बाप का पैसा नही था, जो पत्रकारों से पूछ रहा था कि ” लॉकडाउन करने पर तुम्हारा बाप खिलायेगा क्या ? ” यह पैसा कांकेर के समस्त नागरिकों का था । क्या आप अपने हक के पैसे को मिट्टी में मिलाने और नगर की पवित्र नदी को खुले आम शौच के लिए खोलने वाले जिला प्रशासन, नगर पालिका प्रशासन से सवाल नही करेंगे ?

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