दिल्ली से बेगूसराय के लिये पैदल चले लेकिन बनारस मे ही पैदल चलते चलते मर गया रामजी महतो ।

बेगूसराय के बखरी का रामजी महतो delhi से बेगूसराय के लिये पैदल ही निकल पड़े। जेब मे एक पैसा नहीं, सिर्फ मोबाइल था। बनारस मे किसी गुमटी के पास बेहोश होकर गिर गए। वहाँ से गुज़र रहे किसानों ने मोहनसराय के गौरव पांडेय को खबर की।

कोरोना से भयभीत एम्बुलेंस कर्मियों ने पहले पहल हाथ न लगाया। थोड़ा डांटा फटकारा तो अस्पताल ले गए लेकिन बीच मे ही दम तोड़ दिया।
कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव है, पोस्टमार्टम हो चुका है

लेकिन ये दुबला पतला मज़दूर जिस बेगूसराय की माटी तक पहुचने के लिये दिल्ली से दो पाँव पर निकल गया था, वहाँ तक उसका शव शायद ही पहुच पायेगा।

कितना बदनसीब है ये, जाने किनके साथ निकला था, delhi मे कौन इनके दोस्त, क्या खाता क्या पीता, कहाँ रहता था, कपडे के कितने जोड़े उसके पास थे?
न ये अपनी कहानी कह पाया, न हम लोग उसकी कहानी लिख सके।
मौत जारी है….मजदूरों की कोई जिम्मेवार नही

Shivangi Singh

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