कुरुद में आखिर किसका संरक्षण हासिल है रेत का अवैध कारोबार करने वाले नवीन और नागू चंद्राकर को ?

रायपुर.भाजपा के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर को धमकी देने के मामले में पुलिस ने रेत कारोबारी जसपाल सिंह रंधावा को गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन इस गिरफ्तारी के साथ ही राजनीति और प्रशासनिक गलियारों में यह सवाल भी उठ खड़ा हुआ है कि कुरुद इलाके में दबंगई के साथ रेत का कारोबार करने वाले नवीन और नागू चंद्राकर का उत्पात आखिर कब रुकेगा ? इन्हें किसका संरक्षण हासिल है?

सूत्रों के मुताबिक नवीन और नागू को लेकर भी नामजद उच्चस्तरीय शिकायत हुई है. इस शिकायत में यह कहा गया है कि गत पंद्रह साल से नवीन और नागू ही कुरुद इलाके में रेत का कारोबार कर रहे हैं.अगर कोई व्यक्ति कानूनी ढंग से भी रेत का कारोबार करना चाहता है तो दोनों उसे कारोबार नहीं करने देते हैं. जो कोई भी नियम-कानून बताता है तो उसे बम-बारूद और गोली से उड़ा देने की धमकी दी जाती है.

बताते हैं कि नवीन एक राजनीतिक दल का कार्यकर्ता है और उसे उसी इलाके के एक बड़े राजनीतिज्ञ ने पांच हाइवा और दो जेसीबी गाड़ी सौंप रखी है. नवीन का दूसरा साथी नागू खुद को एक बड़े नेता के काका की लड़की का बेटा बताता है और रेत साथ-साथ अवैध शराब के कारोबार में भी लिप्त है. बताया जाता है कि अवैध शराब. बेचने के आरोप में नागू को वर्ष 2003 में भखारा की पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था. बहरहाल दोनों के उत्पात से कुरुद और आसपास के लोग दहशत में जी रहे हैं.

इधर मंत्री अजय चंद्राकर के द्वारा जान से मारने की धमकी देने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इंकार करने पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि अजय चंद्राकर के जिस रिश्तेदार के मोबाइल पर धमकी-चमकी दी गई है उनका रेत खदान से क्या संबंध है यह साफ होना चाहिए ? अगर अजय चंद्राकर को सीधे तौर पर धमकी मिली थी तो उन्होंने धमकी देने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करवाई?  सबको पता है कि जब प्रदेश में डाक्टर रमन सिंह की सरकार थीं तब अवैध रेत खदान संचालित करने वालों को भाजपा ने पूरा संरक्षण दे रखा था. पूर्व सरकार के मंत्रियों के रिश्तेदार ही रेत के बड़े खिलाड़ी थे. पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के ऊपर पद का दुरुपयोग कर अपने रिश्तेदारों को रेत खदान दिलाने के गंभीर आरोप भी लगे थे जिसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक हुई थीं. प्रवक्ता धनजंय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार अंतिम व्यक्ति की सुरक्षा को लेकर कटिबद्ध है इसलिए मामले में त्वरित कार्रवाई की गई, लेकिन पूर्व मंत्री के द्वारा मामले में कार्रवाई की मांग न करना यह साबित करता है कि दाल में कुछ काला जरूर है… बल्कि पूरी दाल ही काली है.  

साभारः apanamorcha.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!