आदिवासियों ने ना कभी लड़ना छोड़ा है ना कभी छोड़ेंगे, बड़े-बड़े सत्ता को धूल चटाई है, इस लड़ाई में भी जीतेंगे आदिवासी ही

हिमांशु कुमार

छत्तीसगढ़ की जेलों में हजारों आदिवासी बिना किसी गुनाह के बंद है

जेल में जितने कैदियों को रखने की जगह है उससे पांच पांच गुना आदिवासियों को ठूंस दिया गया है

आदिवासियों को रात में सोने की जगह नहीं मिलती वे दो-दो घंटे की शिफ्ट में सो रहे हैं

मुझे एक जेल अधिकारी ने बताया कि इन आदिवासियों को कम खाना दिया जाता है ताकि ये जल्दी मर जाए

दंतेवाड़ा जेल में कई आदिवासी एनीमिया से मर जाते हैं और वह इसलिए होता है क्योंकि उन्हें कम खाना दिया जाता है

उन्हें एक्सपायरी डेट की दवाई दी जाती है ताकि आदिवासी मर जाए

सरकार योजना बनाकर आदिवासियों की हत्या कर रही है

बस्तर के आदिवासी इन सब बातों का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए

सोनी सोरी को आदिवासियों ने सभा में बुलाया

सोनी सोरी अपने घर में बैठी हुई थी तभी पुलिस वाले आए और सोनी सोरी को घसीटते हुए जीप में डालकर ले गए

आप वह वीडियो नीचे देख सकते हैं

आदिवासी अभी भी डटे हुए हैं वह घर नहीं गए हैं

कल पुलिस ने बुरी तरह आदिवासियों को लाठियों से पीटा लेकिन आदिवासी डटे हुए हैं

आस-पास के गांव के लोग दाल चावल लाकर पकाकर खिला रहे हैं

एक क्रांतिकारी घटना घट रही है

आदिवासियों ने न कभी लड़ना छोड़ा है ना कभी छोड़ेंगे

सरकारें कितना भी अडानी और दूसरे पूंजीपतियों की चाकरी करें लेकिन वह आदिवासियों से कभी नहीं जीत पाएगी

आदिवासी ने बड़े-बड़े सत्ता को धूल चटाई है इस लड़ाई में भी आदिवासी जीतेंगे

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