अब बस्तर पुलिस ने किया अर्जुन की बहन और भाँजी का अपहरण??

भूमकाल समाचार @ जगदलपुर

अर्जुन जिसे कथित तौर पर नक्सली बताकर पुलिस ने जेल में डाल दिया था । जिसे कोर्ट ने बाद में नाबालिग माना और उसे केंद्रीय जेल जगदलपुर से बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया था । बाद में वह जमानत पर बाहर आया किन्तु पुलिस ने उसे कथित मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया ।

उसके परिवार के लोग अपने नौजवान बच्चे की मौत भूल भी नहीं पाए थे कि पुलिस उनके घर से दो लड़कियों को उठाकर ले गई । जिसे उनके परिजन दो सप्ताह से इधर-उधर खोज रहे हैं । यह आरोप बस्तर पुलिस पर लड़कियों के परिवार वाले लगा रहे हैं । आज अर्जुन के परिजनों ने कमिश्नर बस्तर से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई ।

उनके परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक, गांव में 20 और 21 तारीख को पुलिस आई थी । पुलिस वालों के साथ उनका एक रिश्तेदार भी था । जिसका नाम गंगों है, जो पुलिस की वर्दी में आया था अब वह दरभा थाने में रहता है । वह पुलिस बन गया है ।उसके साथ करीब 15 पुलिसवाले आये थे ।

20 अगस्त की रात 02 बजे पुलिस वाले आए और अर्जुन की भाँजी पारो को घर से जबरदस्ती ले गए । अगली सुबह 21 अगस्त को 06 बजे घर से अर्जुन की बहन झुनको को भी पुलिस ले गई ।

पुलिस वालों ने उनके परिजनों से कहा था कि इन्हें जगदलपुर में लाल बाग से लेकर जाना । किन्तु वे लाल बाग से लेकर थाने के चक्कर लगा रहे थे किन्तु उनके घर की बेटियों का कुछ पता ठिकाना किसी ने नहीं बताया ।

इन लोगों ने पुलिस पर और भी गंभीर आरोप लगाएं हैं आरोपों के मुताबिक पुलिस के लोगों ने अर्जुन की भाँजी से कहा था कि चुपचाप चलो नहीं तो तेरी माँ को मार डालेंगे ।

वे काफी खोजबीन के बाद अंत में थक हार चुके थे । इन लोगों ने सोनी सोढ़ी से संपर्क किया । जिसके बाद सोनी सोढ़ी के साथ आज बस्तर कमिश्नर को जाकर इन लड़कियों के परिजनों ने अपनी व्यथा बताई ।

अर्जुन की पत्नी अपने बच्चे के साथ और पारो की बड़ी माँ और बहन जो बोल नहीं सकती अपनों को बचाने की गुहार लेकर कमिश्नर के पास गए ।

अर्जुन के परिजन कलेक्टर के पास भी गए थे । किन्तु कलेक्टर बस्तर नहीं मिले । ग्रामीणों के अनुसार पुलिस बोली फिर गांव आएंगे और तुम लोगों को मारेंगे इसलिए वे पुलिस के डर से चांदामेटा से 11 घर के लोग डिलमिली अपने परिचितों के घर रह रहे हैं ।

चांदामेटा के मुरिया आमापारा के लोगों ने पुलिस के डर से गाँव छोड़ दिया है जिनमें से अधिकाँश लोग डिलमिली चले गए हैं । वहाँ अपने परिजनों के साथ रह रहे हैं ।

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