*मेटाबोदेली माइंस क्षेत्र में एक हफ्ते से जनता लड़ रही सड़क की लड़ाई

नियत श्रीवास

कोयलीबेड़ा । मेटाबोदेली माइंस से लौह अयस्क खनन और परिवहन का विवाद खत्म होने का नाम ही नही ले रहा। माइंस प्रबन्धक द्वारा बुधवार को जबरन खनन और परिवहन की सूचना पर चारगांव मेटाबोदेली से प्रभावित आदिवासी ग्रामीण भड़क गए और लोगों ने माइंस के बाहर चक्का जाम कर दिया। विगत एक हफ्ते से ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन कर जब तक मांगे पूरी नही होती खनन परिवहन बन्द का नारा दिया है। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए माइंस प्रबंधन ने तहसीलदार और पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने सड़क पर डेरा डाले ग्रामीणों को रास्ता खाली करने के लिए बोलने पर लोगों का पारा और चढ़ गया। ग्रामीणों ने कहा माइंस संचालक से हां में हां मिलाकर हमे हटा नही सकते ,हम हक की मांग कर रहे हैं ,माइंस खुलने से पहले जो करार किया गया था उसी की मांग कर रहे हैं।

वैसे चारगांव मेटाबोदेली क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है। सांसद,विधायक और सरपँच तक आदिवासी वर्ग से हैं। बावजूद आदिवासीयों की आवाज सुनने के लिए अभी तक कोई नही पहुंचा है जबकि माइंस क्षेत्र में एक हफ्ते से काम रोको वादा निभाओ की तर्ज पर जनता सड़कों में उतर चुकी है।

प्रदेश में भाजपा सरकार थी तब भी आदिवासियों के हित के लिए कोई भी बड़ा जनप्रीतिधि सामने नही आया और सरकार बदलने के बाद भी माइंस प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए कोई जनप्रीतिनिधि आगे आ रहा है। रहवासी कल्याण समिति मेटाबोदेली के अध्यक्ष दयाराम हुपेंडी ने कहा हम आदिवासियों के साथ माइंस प्रबंधन मनमानी कर रहा है। एक सप्ताह पहले जब अन्तागढ़ एसडीएम के समक्ष लालपानी की निकासी के लिए नाली निर्माण,प्रभावित क्षेत्र के लोगों को रोजगार में प्राथमिकता, जर्जर हो रहे सड़क की मरम्मत, प्रभावित क्षेत्र के बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम का स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अस्पताल खोले जाने की मांग रखी थी। उसी समय लोगों ने कहा था कि जब तक मांग पूरी नही होगी खनन और परिवहन बन्द रहेगा।
फिर भी जिस प्रकार ट्रांसपोर्टर मनमानी करते हुए अपने सात ट्रकों में परिवहन करने का प्रयास कर रहा था। इनको क्षेत्र जनता के समस्याओं से कोई लेनादेना नही है इस प्रकार की मनमानी करने पर आंदोलन और भी उग्र होगा व लोग सड़क की लड़ाई लड़ने को मजबूर होंगे.

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