लाखों की अनियमितता , घोटाले के बाद भी कोंटा सीईओ मंडावी पर कार्यवाही करने की हिम्मत न तो बीजेपी में थी और न अब कांग्रेस में

सलवाजुड़ुम के समय से कागजों में किया है विकास और खाये हैं ताड़मेटला के तीन सौ घर जलाए जाने का मुआवजा

सुकमा । कोंटा जनपद पंचायत के सीईओ सत्ते सिंह मंडावी पर उनके अधीनस्थ कर्मचारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भारी भ्र्ष्टाचार ,अनियमितता और अभद्रता का आरोप लगाया है ।

ज्ञात हो कि यह विवादास्पद अधिकारी पिछले 20 सालों में ज्यादातर समय सुकमा जिले में ही पदस्थ रहा है । इनके खिलाफ कई बार गंभीर शिकायतें हुई , बकावण्ड ब्लाक में सीईओ रहते हुए इन्हें निलंबित भी किया गया था । तब वापस इन्हें कोंटा अटैच किया गया था जबकि बकावण्ड के पहले भी ये चार साल कोंटा में सलवाजुड़ुम के दौर में इसी जिम्मेदार पड़ पर रह चुके हैं । तब इन पर बहुचर्चित ताड़मेटला – तिम्मापुर में तीन सौ घरों को कल्लूरी द्वारा आग लगाई जाने पर दिए गए मुआवजा और राशन को लेकर भी घोटाला का आरोप लगा था । पूर्व में भी कोण्टा जनपद पंचायत सीईओ रहने के दौरान इनपर हैंडपंप घोटाला का भी आरोप है ।

सामाजिक कार्यकर्ता फारुख अली ने भी इस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की है । उनका कहना है कि कोंटा सीईओ मण्डावी के द्वारा चीफ सेक्रेटरी के आदेश का उलंघन करते हुए प्रस्ताव में हस्ताक्षर करते हुए अपना कमीशन लिया जाता हैं । चीफसेक्रेट्री का आदेश है कि किसी भी योजना में सीईओ का हस्तक्षेप नहीं किया जाना है ।

कोंटा सीईओ को कमिश्नर के आदेश अनुसार कोंटा सजा के तौर पर भेजा गया है । जिसमें उल्लेख है कि उच्च अधिकारियों के आदेश का अपमान करना । साथ ही कई शिकायत के चलते हुए जांच जारी रखते हुए कोन्टा में अटैच किया गया , पर दो साल के बाद भी कोंटा में रहने देना समझ से परे हैं , फारुख अली ने एक न्यूज पोर्टल को बयान देते हुए कार्यवाही नही होने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी है ।

ज्ञात हो कि मुख्य सचिव के आदेश अनुसार ग्राम पंचायत की राशि सिर्फ पंचायत सचिव व सरपंच के हस्ताक्षर से ही राशि अहरण किया जा सकता है किंतु कोण्टा सीईओ के द्वारा मुख्य सचिव के आदेश का उल्लंघन किया गया और बैंक में एक आदेश भेजा गया कि जब तक मेरा हस्ताक्षर ना हो तब तक किसी सरपंच,या सचिव को राशि की भुगतान ना करे ,जब ये बात जिला कलेक्टर के संज्ञान में गया तब कलेक्टर के द्वारा कोण्टा सीईओ को मौखिक रूप से चेतावनी दी गयी और कलेक्टर ने फटकर लगाई । उसके तुरन्त दूसरे दिन ही फिर कोण्टा जनपद पंचायत सीईओ के द्वारा बैंक में आदेश दिया गया कि मेरा हस्ताक्षर बिना भी आप सचिव,सरपंच को राशि की भुगतान कर सकते है । तब तक करोड़ों रुपए का घोटाला हो चुका था ।

महीने भर पहले कोंटा ब्लाक में कार्यक्रम अधिकारी रही शिववती कोर्राम ने सुकमा कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख उक्त सीईओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं । इस शिकायत के अनुसार सत्ते सिंह ने शिववती के साथ घोर अभद्रता की है,और उन्हें धमकी भी दी गई है । साथ ही इस पत्र में उन्ही के अधीनस्थ काम कर चुकी इस कर्मचारी ने आरोप लगाया गया है कि सलवाजुड़ुम के समय इनके द्वारा लाखों का डबरी तालाब निर्माण केवल कागज में करा कर पूरे पैसे डकार लिया गया है ।

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