सीएम बघेल ने ‘नरवा, गरुवा, घुरवा अउ बारी’ योजना पर ली अधिकारियों की समीक्षा बैठक, दिए अहम निर्देश

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज मुख्यमंत्री निवास में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नरवा, गरुवा, घुरवा और बारी के प्रस्तावित कार्यों पर विचार मंथन किया। इस योजना के तहत अभी तक किए गए कार्यों की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि नरवा, गरुवा, घुरवा अउ बारी एक दीर्घकालिक और खेती किसानी तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने कार्य है और इस कारण जरूरी है कि इस कार्य में जहां इसरो के माध्यम से किए जाए वैज्ञानिक मेपिंग आदि का उपयोग किया जाए, वहीं इसकी सभी कार्यों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से योजनाबद्व तरीके से जन सहभागिता से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि इसी कारण है कि योजना के तहत कार्य करने की समय-सीमा में उदारता बरती गई है।

बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आर.पी.मण्डल ने बताया कि प्रदेश के 27 जिलों में 1866 गौठान स्वीकृत किए गए हैं। प्रत्येक गौठान के लिए 5-6 एकड़ के मान से कुल 9 हजार 999 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। हर विकासखण्ड में दो-दो मॉडल गौठान स्वीकृत किए गए है। गौठानों के विकास के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत लगभग 305 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसी तरह 27 जिलों में 847 चारागाहों के विकास के लिए लगभग 59 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। चारागाहों के लिए 13 हजार 382 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। बैठक में गौठानों पर छायादार व फलदार पौधों जैसे आम, कटहल, जाम, पीपल, बरगद, गुलमोहर, सबबूल आदि के रोपण करने पर बल दिया।

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