आयरन युक्त पानी पीने के लिए ग्रामीण मजबूर

सुकमा से मोहन ठाकुर की रिपोर्ट

सुकमा ।
मुरतोंडा पंचायत को कमलापदर गांव में पेयजल समस्याऐं से ग्रामीण पेरशान है। यहां सभी हैंडपंप में आयरन युक्त पानी निकलता है। जिसके कारण यहां ग्रामीण मजबूरन आयरन युक्त पानी पीने के लिए मजबूर है।

सुकमा जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूरी पर बसा मुरतोंडा पंचायत का कमलापदर गांव जहाँ ग्रामीणों के लिए ना प्रधानमंत्री आवास बना है और ना ही उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिला है। ग्रामीणों ने बताया कि हमने कई बार इसके लिए आवेदन किया था। लेकिन आज तक हमको इसका लाभ नही मिला है। ग्रामीणों ने बताया कि यहाँ पर 35 परिवार रहते है। गांव में तीन हैंडपंप है। जिसमें दो ही उपयोग करने लायक है। गांव में पानी के लिए दिक्कत होती है। कई बार सरपंच सचिव को इसके लिए बोला लेकिन कोई सुनने तैयार नही है। गांव में बच्चो के लिए आँगनबड़ी भी नही है। आँगन बाड़ी गांव से 2 किलोमीटर दूर पर है। हम इस कारण अपने बच्चो को वहाँ नही भेजते है गांव में स्कूल भी नही है यहाँ के बच्चे पास के दूसरे स्कूल में पढ़ने के लिए जाते है। गांव में सभी परिवार खेती किसानी से ही अपने परिवार का जीवन यापन करते है। कृषि विभाग से गांव में 3 बोर कराया गया है। एवं इसके अलावा अन्य किसानों ने अपने खर्चे पर खेती करने के लिए बोर कराया है। लेकिन गांव में लोवोल्टेज के कारण बोर नही चल पाता है। गांव में बिजली का हमेशा आना जाना लगा रहता है । एक बार लाइट चले जाने के बाद दो तीन दिनों तक नही आती है सुकमा मुख्यालय से इतने पास के बाद भी गांव के ग्रामीनों को शासन की मूलभूत योजनाओं और जरूरतों को पहुंचाने में स्थानीय प्रशासन विफल रहा है।

पार्वती ने बताया कि यहां पर पीने के पानी की समस्या है। तीनों बोरिंग में आयरन युक्त पानी निकलने से पीने के लिए दिक्कते होती है। बोरिंग से पानी लाने के कुछ ही देर में पानी पीला पन दिखने लगा है। जिसके कारण पीने में दिक्कते होती है।

‘रामा ने बताया कि कृषि विभाग से बोर कराया गया है। जिसका सौलर ठीक से काम नहीं करता। पानी भी नहीं चढता है। कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इधर कुछ लोगों ने नीजी बोर करवाये है। गांव में बिजली की लो-वोल्टेज की समस्याऐ होने कारण बोर में मोटर नहीं लगा पा रहे है। इस कारण गर्मी में खेती किसानी का काम नहीं कर पा रहे है।

शौचालय अधूरे
सुखराम ने बताया कि गांव में सरकारी योजनाऐं के तहत बनाऐं जाने वाले अधूरे पडते है। सरपंच सचिव से शिकायत करने के बाद भी इन शौचालय का निर्माण नहीं कराया जा रहा है। शिकायत करने पर यहां पर कोई सुनने वाला नहीं है।

मोहन ठाकुर सुकमा

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