पूर्व नौसेना प्रमुख बोले पोस्टरों में सेना का इस्तेमाल कर जनता को भ्रमित कर रही है मोदी सरकार

नौसेना के पूर्व प्रमुख बोले कोई भी पार्टी चुनावी फायदे के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सेना के कार्यों का उपयोग नहीं कर सकती, लेकिन मुंबई के कुछ इलाकों में ऐसे होर्डिंग लगाए गए हैं, जो आयोग के निर्देशों का साफ-साफ उल्लंघन है। इन होर्डिंग की वजह से लोगों में भ्रामक संदेश भी जा रहा है…

कोई भी पार्टी चुनावी फायदे के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सेना के कार्यों का उपयोग नहीं कर सकती हैं, लेकिन मुंबई के कुछ इलाकों में ऐसे होर्डिंग लगाए गए हैं, जो आयोग के निर्देशों का साफ-साफ उल्लंघन है। इन होर्डिंग की वजह से लोगों में भ्रामक संदेश भी जा रहा है। चुनावी प्रचार के लिए लगाए गए होर्डिंग में प्रधानमंत्री मोदी की फोटो के साथ भ्रम फैलाने वाले संदेश लिखे गए हैं, भाजपा खुलेआम सेना का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है।

भारतीय जनता पार्टी द्वारा चुनावों में जीत के लिए सेना के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम खत लिखने के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और वन रैंक वन पेंशन को भाजपा अपने हक में भुना रही है। लोकसभा चुनाव प्रचार के तमाम पोस्टरों में मोदी की फोटो के साथ भाजपा गिना रही है कि उसने ‘वन रैंक वन पेंशन’ और सर्जिकल स्ट्राइक पर दुश्मन के घर में घुसकर आतंकियों पर प्रहार किया है।

सेना के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ अब सैनिक आवाज उठाने लगे हैं। 150 पूर्व सैनिक अधिकारियों के बाद अब भारतीय नौसेना के पूर्व कमोडोर और व्हिसिलब्लोअर लोकेश बत्रा ने मोदी की फोटो के साथ लगे होर्डिंग में सेना का राजनीतिक इस्तेमाल करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की है। चुनाव आयोग के नाम एक खुला पत्र लिखने के साथ उन्होंने इस पर तुरंत एक्शन लेने की मांग की है।

चुनाव आयोग के नाम से लिखे गए ओपन लेटर में कमोडोर (रिटायर्ड) लोकेश बत्रा ने लिखा है कि ‘मैं चुनाव आयोग द्वारा जारी उन निर्देशों की याद दिलाना चाहता हूं, जिनमें साफ-साफ कहा गया है कि कोई भी पार्टी चुनावी फायदे के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सेना के कार्यों का उपयोग नहीं कर सकती हैं, लेकिन मुंबई के कुछ इलाकों में ऐसे होर्डिंग लगाए गए हैं, जो आयोग के निर्देशों का साफ-साफ उल्लंघन है। इन होर्डिंग की वजह से लोगों में भ्रामक संदेश भी जा रहा है।’

एनडीटीवी में प्रकाशित खबर के मुताबिक कमोडोर (रिटायर्ड) लोकेश बत्रा ने उससे बातचीत में कहा कि, ‘मुंबई के पैडर रोड समेत अन्य इलाकों में सेना की कार्रवाई का क्रेडिट लेते हुए हुए होर्डिंग पटे हुए हैं। अन्य शहरों में भी इस तरह के होर्डिंग लगे होने की संभावना है। यह चुनाव आयोग के निर्देशों का पूरी तरह उल्लंघन है। चुनाव आयोग को इस मामले में सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए।

इस मामले में चुनाव आयोग ने लोकेश बत्रा की शिकायत पर स्क्रूटनी जारी कर जांच शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि इससे पहले पिछले दिनों सेना के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ तीनों सेनाओं के 8 पूर्व प्रमुखों सहित 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारी भी आवाज उठा चुके हैं। इन लोगों ने सेना के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी थी। साथ ही राष्ट्रपति से राजनीतिक दलों द्वारा सेना का राजनीतिक इस्तेमाल रोकने के लिए कड़ा कदम उठाने की अपील भी की थी।

प्रधानमंत्री मोदी खुद चुनावी सभा के दौरान सेना का राजनीतिक इस्तेमाल से बाज नहीं आए हैं। लातूर में पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाताओं से मोदी ने अपील की थ्ज्ञी कि ‘वे अपने मत उन बहादुर लोगों को समर्पित करें, जिन्होंने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले को अंजाम दिया।’

अब जब मोदी के इस बयान पर बवाल मचा हुआ है तो उन्होंने एक और राजनीतिक शिगूफा छेड़ दिया है। अपने भाषणों में सेना के नाम का उपयोग करने के आरोपों को खारिज करते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रवाद और सैनिकों का बलिदान भी उतने ही महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दे हैं, जितना किसानों की मौत।

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