केंद्र और राज्य द्वारा 20 वर्षों से छत्तीसगढ़ के जंगलों के किये गए विनाश की वजह से इस बार गंभीर सूखे का संकट

केंद्र और कार्पोरेट के आगे नतमस्तक रही रमन सरकार का एकमात्र लक्ष्य रहा छत्तीसगढ़ की बहुमूल्य प्राकर्तिक संपदा की लूट

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