महासमुंद विधायक विनोद चंद्राकर ने बच्चों के हिस्से का पैसा भी भी मिट्टी में मिला दिया

कांग्रेस के सभी विधायक घमंड में चूर

उन्हें लगता है कि अब सौ साल तक रहेंगे विधायक, जिद के चलते ही नही हो पाया अब तक कांग्रेस के घोषणा पत्र का 36 वां वादा

रायपुर । घमंड में चूर कांग्रेसी विधायकों की ज़िद और तानाशाही के कारण कांग्रेस सरकार ने अपने जन घोषणापत्र में किये 36वें वादे के हिसाब से आज तारीख तक स्कूल की कन्याओं को साइकिल वितरण का कार्यक्रम पूर्ण नहीं कर पाया । भाजपा की तानाशाही सरकार के पतन के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में गांधीवाद के नाम पर कैसे नमूने विधायक चुन लिए गए हैं उसकी एक बानगी देखिए…

एक विधायक महोदय अपने सचिव से एक प्रिंसिपल साहब को फोन करवा कर कहलवाते हैं कि आपके स्कूल में साइकिल वितरण का कार्यक्रम में विधायक महोदय को निमंत्रण नहीं मिला है, प्राचार्य महोदय ने जवाब देते हुए कहा की हमने गांव के प्रमुख लोगों के अलावा आसपास के जनप्रतिनिधि सरपंच सचिव जनपद सदस्य जनपद अध्यक्ष आदि को आमंत्रित किया है इस पर विधायक महोदय के सचिव कहते हैं कि विधायक महोदय ने कहा है कि उनके बिना यह कार्यक्रम नहीं हो सकता आप शुक्रवार का कार्यक्रम शनिवार को रखिए।

इस प्रकार शुक्रवार का कार्यक्रम शनिवार के लिए स्थगित हो गया कार्यक्रम का समय विधायक महोदय ने शनिवार को 11:00 बजे तय किया ! अब चूंकि कार्यक्रम में विधायक महोदय का आना था तो विधायक महोदय के बैठने के लिए टेंट की व्यवस्था सरपंच महोदय ने कर दी लेकिन बच्चों के बैठने की व्यवस्था सरपंच अपने मद से नहीं कर पाए

इस पर प्राचार्य महोदय ने अपने विद्यालय के मद से जो विद्यालय के गरीब बच्चों के खर्च के लिए होता है से ₹5000 खर्च कर टेंट लगवाया दिया ताकि बच्चे धूप से बच सके !

कार्यक्रम का समय 11:00 बजे तक विधायक महोदय नहीं पहुंच सके, अभी आ रहे हैं १० मिनट में आ रहे हैं ऐसा करते करते, समय बीतता गया और 12:00 बज गया लेकिन विधायक महोदय नहीं पहुंचे, समय और बीता 1:00 बजे तक जब विधायक महोदय नहीं पहुंचे तब कार्यक्रम स्थल से जब अंत में थक- हारकर एक जनप्रतिनिधि ने फोन कर विधायक महोदय से उनके आने के बारे में पूछा की आयेंगे या नहीं स्पष्ट करें तब उन्हे जवाब मिला कि विधायक महोदय उनके अपने तय कार्यक्रम में आज नहीं आ रहे हैं !!

अब आप ही बताइए ऐसे विधायकों को दोबारा चुनाव जीता ना चाहिए क्या? दोबारा वोट देना चाहिए क्या?? ऐसे लोग जनप्रतिनिधि बनने के लायक हैं ??

फिलहाल अभी तत्काल में यह वाक्या तो महासमुंद विधायक विनोद चंद्राकर के क्षेत्र का है स्कूल के प्राचार्य और कर्मचारियों और कुछ जनप्रतिनिधियों के हित के कारण मुझ पर दबाव है इसलिए स्कूल का जगह मैं अभी नहीं बता पाऊंगा मगर जरूरत पड़ेगी जांच होगी तब तो बताना पड़ेगा ही । मगर यह भी सच है कि यह केवल अकेले महासमुंद के विधायक विनोद चंद्राकर का मामला नहीं बल्कि प्रदेश के अधिकांश कांग्रेसी विधायकों के क्षेत्र का मामला है जो घमंड में इतने चूर हैं कि उनको लगता है कि अब छत्तीसगढ़ में केवल हमेशा और हमेशा के लिए इन्हीं की सरकार रहेगी और यही अगले 1000 साल तक विधायक बने रहे हैं।

ऐसे तमाम विधायकों के बारे में जो जनता के हिस्से का पैसा खा रहे हैं या चुनावी फंड में डाल रहे हैं या कांग्रेस के घोषणा पत्र के खिलाफ काम कर रहे हैं उनका किस्सा हम जारी रखेंगे

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