देश के इतिहास में पहली बार देश के भीतर ही अपनी ही जनता पर गिराए गए बम : माओवादियों ने लगाया बस्तर में ड्रोन से बमबारी का आरोप

माओवाद के उन्मूलन के लिए केंद्र और राज्य ने बदली नीति

गिराए गए बम के टुकड़े व विफोटक समान
बम से हुआ गड्ढा

रायपुर । दक्षिण बस्तर के बीजापुर जिले के बोत्ता लंका व पल्लगुडेम गांव में 19 अप्रैल की सुबह 3 बजे ड्रोन से बम गिराए गए, हालांकि इन बमों से गांव में जान- माल की क्षति नही हुई है पर क्षेत्र के सभी गांवों में दहशत का माहौल है । हालांकि इस बात की पुष्टि अभी तक छत्तीसगढ़ सरकार व केंद्र सरकार के अधिकारियों ने नहीं की है किंतु इस तरह की घटना की सूचना देते हुए दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने आरोप लगाया है कि यह राज्य और केंद्र का अपनी ही जनता पर समन्वित हमला है ।
विकल्प ने आरोप लगाया है कि देश के इतिहास में 19 अप्रैल 2021 का दिन काला दिवस है जब देश के अपनी ही आंदोलनरत जनता पर फासीवादी सरकारों ने बम से हमला किया है । माओवादियों ने अपनी विज्ञप्ति में जिन गांवों में बमबारी का आरोप लगाया है यह क्षेत्र उसी इलाके में आता है जहां पिछले 3 अप्रैल को माओवादियों और सेंट्रल पैरामिलेट्री फोर्स व छत्तीसगढ़ पुलिस के बीच मुठभेड़ हुआ था । अपने प्रेस विज्ञप्ति में विकल्प ने बताया है कि जनताना सरकार के इलाके में लगातार ड्रोन और हेलीकॉप्टर के भ्रमण को लेकर उन्हें इस बात की पहले ही आशंका थी कि केंद्र और राज्य सरकार इस तरह के हमले कर सकती है , इसलिए माओवादी लड़ाकों ने अपना स्थान बदल लिया था, जिस कारण एक बड़ी क्षति से वे बच गए । आरोप लगाया है कि बस्तर की जनता के साथ राज्य और केंद्र ने खुलेआम युद्ध की घोषणा कर दी है और बस्तर की जनता के साथ देश के दुश्मनों जैसा व्यवहार शुरू कर दिया है ।

हवाई हमले के आरोप को राज्य सरकार ने नकारा

माओवादियों द्वारा हवाई हमले के आरोप के साथ विज्ञप्ति जारी करने के कुछ घंटों बाद ही बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदर राज का इस मामले पर वक्तव्य प्रसारित हो चुका है वे पूरी तरह से माओववादियों के आरोप को खारिज करते हैं । उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि दिनांक 20 अप्रैल 2021 को दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प द्वारा जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति में सुरक्षा बल द्वारा माओवादियों के ऊपर ड्रोन के माध्यम से हवाई हमला करने का आरोप लगाया गया है। यह आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है। विगत दिनों में अपना आधार क्षेत्र पैर के नीचे से खिसकने से सीपीआई माओवादी संगठन बौखलाहट में निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों की हत्या करना, तोड़फोड़, आगजनी जैसे जनविरोधी एवं विकास विरोधी हरकत को अंजाम दे रहे हैं।

वास्तविकता यह है कि अब तक हजारों निर्दोष ग्रामीणों की हत्या, विकास कार्यों हेतु इस्तेमाल वाहन और मशीनों को जलाना जैसी कायराना हरकतों से अपनी झूठी ताकत का प्रदर्शन करने का असफल प्रयास करने वाला ये गैरकानूनी एवं अमानवीय माओवादी संगठन का खात्मा बहुत जल्दी होगा तथा बस्तर की जनता को माओवादियों के आतंक से बहुत जल्दी मुक्ति मिलेगी।

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