शिक्षा के क्षेत्र में नक्सलगढ़ के पंच रत्नों ने दी बीजापुर को नई पहचान

देश की सर्वोच्च मेडिकल प्रवेश परीक्षा को किया क्वालिफाई

गणेश मिश्रा


बीजापुर। प्रदेश के सर्वाधिक माओवादग्रस्त बीजापुर जिले से एक अच्छी खबर निकलकर आई है। जिले के अंदरूनी गांवों के पांच होनहार विद्यार्थियों ने सुविधाओं के अभाव के बावजूद नीट की परीक्षा में क्वालिफाई कर अपना लोहा मनवाया है। ये सभी बच्चे साधनों की कमी और दूरस्थ ईलाके से होने के वाबजूद इस सर्वोच्च मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल कर अन्य बच्चों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गये हैं। जिला प्रशासन बीजापुर द्वारा संचालित छूलो आसमान संस्था बीजापुर में अध्ययनरत् अजय कलमूम, सुरेश मड़कम, सीमा भगत, शुनू झाड़ी और हरीश एगड़े ने अपनी मेहनत और अथक लगन के बलबूते नीट प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल किया है। अब उक्त बच्चों को काउन्सलिंग में शामिल होकर देश की मेडिकल काॅलेज में पढ़ाई हेतु अवसर मिलने की संभावना है। कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने बच्चों की सफलता पर उन्हे बधाई देने के साथ ही अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दी है। पांच सफल मेधावी विद्यार्थियांे में बीजापुर निवासी सीमा भगत ने बताया कि पिताजी का स्वर्गवास हो चुका है और बड़े भाई अर्जुन भगत उसकी पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं एक छोटे भाई प्रीतम बीएससी द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। सीमा ने बताया कि माता बृहस्पति भगत गृहणी हैं और उसकी पढ़ाई पर सतत् ध्यान देती हैं। सीमा का सपना एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर एम्स जैसी प्रतिष्ठित संस्थान में सेवा है। उसे उम्मीद है कि उसका यह सपना अब जरूर पूरा होगा। देश की सर्वोच्च मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट क्वालीफाई करने वाले इन बच्चों में उसूर ब्लाॅक अंतर्गत कोत्तागुडम निवासी सुरेश मड़कम के पिताजी का स्वर्गवास हो चुका है। सुरेश ने बताया कि माताजी शांति सहित दो बड़े भाई संतोष और अर्जुन खेती-किसानी कर उसे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते हैं। सुरेश भी 12वीं में 60 प्रतिशत अंक हासिल कर अपने भाईयों के सपने को साकार करने कृतसंकल्पित है। सुरेश ने नीट प्रवेश परीक्षा में 24115वां अखिल भारतीय रैंक हासिल किया है। इसी तरह भैरमगढ़ ब्लाक के बेंचरम निवासी अजय कलमूम ने नीट में 23390वां रैंक हासिल किया है। अजय ने बताया कि उसके माता-पिता रामेष्वरी और सोमारू खेती-किसानी कर उसे पढ़ाई करवा रहे हैं, अजय को भरोसा है कि उसे मेडिकल काॅलेज में अवश्य प्रवेश मिलेगी। वहीं बीजापुर निवासी सीमा भगत ने बताया कि पिताजी का स्वर्गवास हो चुका है और बड़े भाई अर्जुन भगत उसकी पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं एक छोटे भाई प्रीतम बीएससी द्वितीय वर्श की पढ़ाई कर रहा है। सीमा ने बताया कि माता बृहस्पति भगत गृहणी हैं और उसकी पढ़ाई पर सतत् ध्यान देती हैं। सीमा को नीट मंे 26454वां रैंक मिला है। बीजापुर के ही रहने वाले हरीश एगड़े और बीजापुर ब्लाक के पापनपाल निवासी शीनू झाड़ी ने भी देश की सर्वोच्च मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट क्वालीफाई कर जिले का नाम रौशन किया है। जिला शिक्षा अधिकारी डी समैया और छूलो आसमान संस्था के प्राचार्य बसमैया अंगनपल्ली ने बताया कि घोर माओवाद प्रभावित ईलाके के इन बच्चों की सफलता से हम सभी खुश हैं और अब उक्त बच्चों को मेडिकल काॅलेज में प्रवेश हेतु काउन्सलिंग प्रक्रिया में सम्मिलित करवायेंगे। इन बच्चों की सफलता से अन्य बच्चों को पढ़ाई एवं तैयारी के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। इसे मद्देनजर रखते हुए आगामी प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं के लिए संस्था के बच्चों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही विषेशज्ञ शिक्षकों का मार्गदर्शन सुलभ कराया जायेगा।

गणेश मिश्रा

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