कांकेर जिले के पत्रकार कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए पुराना बस स्टैंड में करेंगे प्रदर्शन मांग होगी “पत्रकारिता बचाओ असभ्य कलेक्टर हटाओ”

प्रशासन की लापरवाही से जिले में बढ़ रहे कोरोना पर एक व्हाट्सएप ग्रुप में लॉक डाउन की सलाह देने पर पत्रकार से कलेक्टर ने पूछा था लॉक डाउन करने पर तुम्हारा बाप खिलाएगा गरीबों का खाना ?

कांकेर ( भूमकाल समाचार ) कांकेर कलेक्टर के एल चौहान के द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप में पत्रकारों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किए जाने के खिलाफ जिले के पत्रकार काफी नाराज हो गए हैं । ज्ञात हो कि जब से केएल चौहान कांकेर में पदस्थ हुए हैं तब से वह अपने विवादास्पद गतिविधियों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं ।

एक दिन पूर्व ही कांकेर कलेक्टर के एल चौहान ने पत्रकारों के एक व्हाट्सएप ग्रुप में एक पत्रकार द्वारा जिले में बढ़ते कोरोनावायरस को लेकर चिंता जताने और लॉकडाउन किये जाने की सलाह पर अपना आपा खो कर उस पत्रकार के लिए यह कमेंट किया था कि – “लॉक डाउन करने पर जिले के गरीबों को खाना क्या तुम्हारा बाप खिलाएगा ?” हालांकि इसके तुरंत बाद कलेक्टर कांकेर के एल चौहान ने पत्रकारों के अनेक व्हाट्सएप ग्रुप से अपने आप को अलग कर लिया । मगर इसके बात पत्रकारों में गुस्सा काफी बढ़ गया और पत्रकारों ने आज दिन में एक जगह कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए बैठक की । इस बैठक में कलेक्टर के अलावा जिला के अन्य आला अधिकारियों द्वारा पत्रकारों के साथ किए जा रहे अभद्र व्यवहार को लेकर अनेक पत्रकारों ने रोष जताया और बताया कि ये अधिकारी किसी समाचार के संबंध में बाइट भी देने से कतराते हैं ।

बैठक में उपस्थित 25 से ज्यादा पत्रकारों ने व बैठक से फोन में आन लाईन जुड़े जिले के सैकड़ों पत्रकारों ने तय किया कि इस घटना के विरोध में जिला प्रशासन के सभी समाचारों का और कार्यक्रमों का बहिष्कार किया जाएगा साथी कल दिनांक 7 सितंबर को दोपहर 1:00 बजे घड़ी चौक कांकेर से लेकर पुराना बस स्टैंड कांकेर तक धारा 144 और महामारी अधिनियम 188 का पूर्ण तरह पालन करते हुए अलग-अलग खंड में बट कर पत्रकार पुराने बस स्टैंड पहुंचेंगे यह रैली और आंदोलन पूर्णता मौन विरोध के तहत किया जाएगा । पत्रकारों ने केवल एक ही मांग रखा है कि कांकेर की ” पत्रकारिता बचाओ और असभ्य कलेक्टर हटाओ” इस मामले में कांकेर कलेक्टर केएल चौहान जी का पक्ष जानने के लिए आज दोपहर से प्रयास किए जाने के बाद भी उन्होंने शाम तक किसी भी प्रकार का जवाब देने से कोताही बरती । कई पत्रकार साथियों ने बताया है कि वे अक्सर पत्रकारों से बात करना पसंद ही नहीं करते और किसी समाचार के मामलों में सरकार का पक्ष रखने से भी कोताही बरतते हैं । ज्ञात हो कि श्री चौहान जब से शासकीय सेवा में आए हैं तब से उनके खिलाफ नागरिकों व्यापारियों पत्रकारों की ओर से लगातार शिकायत होते आया है । ईमली आंदोलन के समय फरसगांव एसडीएम रहते हुए इनको अपने दुर्व्यवहार के कारण ही व्यापारियों के गुस्से का शिकार होना पड़ा था । कांकेर में ही कलेक्टर के रूप में पदस्थ होने के कुछ दिन बाद ही इन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री के निजी कार्यक्रम के दौरान जिम्मेदारी से ड्यूटी निभाने वाले पीडब्ल्यूडी के एक सीधे साधे अधिकारी के साथ भी इन्होंने घोर अभद्रता की थी और उन्हें खुद थाने में बिठवा दिया था । तब इनके खिलाफ उक्त पीड़ित अधिकारी के समर्थन में समाज और कर्मचारियों ने बड़ी रैली कर प्रदर्शन किया था ।

पता चला है कि इस घटना में उक्त अधिकारी के खिलाफ जांच प्रतिवेदन भी प्रस्तुत हो चुका है जिसमें इन्हें दोषी पाया गया है मगर कांकेर के एक प्रभावशाली नेता जिनके दबाव पर इस अधिकारी की तमाम गलतियों और इनके कार्यकाल में हो रहे तमाम भ्रष्टाचारियों को नजरअंदाज कर कांकेर में भी इनको बनाए रखा गया है । क्योंकि कांग्रेस के ऊपर प्रभावशाली नेता को अपने जिले में उनकी हर गलत सही बात मानने वाले प्रमोटीव आईएस की ही जरूरत है किसी फ्रेश आईएएस की नहीं । उक्त कलेक्टर की भ्रष्टाचार में संलिप्तता इसी बात से साबित हो जाती है कि इन्होंने पीढापाल ( कान्हाफोड़ ) में करोडों रुपयों का कंस्ट्रक्शन वर्क बिना टेंडर के बिना प्रशासकीय स्वीकृति के शुरू हो जाने दिया था, बाद में काम करके जागरूक नागरिकों की पहल पर गलती सुधारने की असफल कोशिश तो की गई मगर इस घटना में भूपेश सरकार के उच्च अधिकारियों की संलिप्तता भी सामने आ गई थी ।

कांकेर में कोविड-19 मामले बढ़ने को लेकर प्रशासन की कई बार लापरवाही सामने आई थी ज्ञात हो कि एक बार स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी जो कलेक्ट्रेट सहित कई कार्यालयों में काम करता था उसे कोरोना के संदेह होने के बाद टेस्ट रिपोर्ट आने के पहले क्वॉरेंटाइन नहीं किया गया बाद में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, इसके अलावा अभी ताजा मामलों में ही पिछले शुक्रवार 4 सितंबर के पहले इन्हीं कलेक्टर के रीडर और एक अन्य कर्मचारी के कोरोना पाजेटिव आने के बाद भी लापरवाही बरतते हुए दो दिन बाद कलेक्ट्रेट को सीलबंद करने का आदेश जारी किया गया ।

कांकेर के पत्रकारों ने आज की बैठक में तय किया है कि उक्त कलेक्टर के पूर्ण कार्यकाल के दौरान में जितने भी कंस्ट्रक्शन वर्क के आदेश जारी हुए हैं और कोरेनटाइन सेंटरों में जो भी भ्रष्टाचार हुआ है उसको बिना दबाव में आये उजागर करेंगे । इधर कल पत्रकारों के विरोध प्रदर्शन की विधिवत सूचना देने पर कांकेर के अनुविभागीय दंडाधिकारी ने पत्रकारों को व्हाट्सएप में चेतावनी दी है कि कोविड-19 के समय किसी भी प्रकार की रैली धरना प्रतिबंधित है और यह नहीं करने दिया जाएगा जबकि पत्रकारों ने तय किया है कि अब बहुत हो गया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और रैली तो निकाली ही जाएगी ।

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