पिछली सरकार ने न नई सरकार ने नहीं सुनी गुहार तो गांव वाले अब खुद कर रहे प्रधानमंत्री सड़क का मरम्मत

वीरेंद्र यादव

कांकेर ( भूमकाल समाचार )। नरहरपुर विकासखंड के अंतर्गत अंतिम सीमा में बसा ग्राम पंचायत साईंमुंडा के ग्रामीण पिछले 10 साल से प्रधानमंत्री सड़क की मरम्मत का मांग करते करते जब थक गए, जब पिछली और नई सरकार एवं प्रशासन ने नहीं सुनी तो गांव के सभी ग्रामीण एकजुट होकर खुद ही प्रधानमंत्री सड़क का मरम्मत कर रहे हैं।
पिछले 10 साल से रास्ते की मरम्मत नही हुई, रास्ता बरसात के मौसम में इतना दलदल हो जाता है कि कोई भी व्यक्ति गांव से बाहर आ जा नही सकता। यहां के सड़कों की हालत इतनी दयनीय है कि कोई भी सायकल तक पार नही हो सकता। शासन प्रशासन से मरम्मत की लगातार मांग करने के बाद भी जब किसी ने नही सुनी , तो गांव के समस्त ग्रामीण एकजुट होकर बिना शासन प्रशासन के सहयोग के श्रमदान किये। ग्रामवासियो ने प्रस्ताव रखा कि अगर शासन से कुछ सहयोग नही मिल रहा तो क्यों न सब मिलकर अव्यवस्था को सुधारें, गांव के समस्त ग्रामीणजन इस कार्य मे शामिल हुए भारी बरसात के बीच सबने एकता दिखाई और सड़क की मरम्मत किये।
शासन प्रशासन से लगातार मरम्मत की मांग के बावजूद प्रशासन का ध्यान कांकेर जिले का अंतिम ग्राम होने के कारण कभी भी आकर्षित नही हुआ। जिले का अंतिम ग्राम होने के कारण इस गांव को अनदेखा किया जाता रहा है, नेता सिर्फ चुनाव के वक़्त ही गांव में कदम रखते है, अभी गांव में सड़कों का हालात इतना खस्ता है कि कोई भी नेता या प्रशासन का कोई भी व्यक्ति यहां आना नही चाहता।


गांव में प्राथमिक से लेकर हाई स्कूल तक कि कक्षाएं संचालित है, शिक्षक बाहर से आकर अध्यापन कार्य करते है, आने जाने में बहुत ही समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
पिछले 10 सालों से यहां के ग्रामीण अव्यवस्थाओ से जूझ रहे है, लेकिन इतने बार मांग करने के बावजूद एक बार भी कोई सरकारी व्यक्ति देखने तक नही आया। गांव वाले त्रस्त है, लेकिन सुनने वाला कोई भी नही है। देखते है आगे सरकार क्या करती इन ग्रामीणों के लिए।

वीरेंद्र यादव

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