बहेलिए की लगाई जाल में फंसे पक्षियों की गई जान, सोता रहा वन विभाग तो इको एक्शन नेटवर्क टीम ने एक को बचाया

फोन पर सूचना देने के 24 घंटे बाद भी नहीं पहुँचा वन विभाग

शहर के नजदीक जंगल में बहेलिए जाल लगाकर फंसा रहे जंगली पक्षी

वन विभाग कर्मचारी फोन पर सूचना देने के बाद भी नहीं पहुँचते मौके पर

प्रभात सिंह

दंतेवाड़ा । इको एक्शन नेटवर्क टीम इस मौसम में पौधरोपण का कार्य करते आ रहे हैं। उनके वालेंटियर्स विभिन्न प्रकार के पौधों को शहर से सटे जंगल में लगा रहे हैं। जंगल में पक्षियों को पकड़ने वाले बहेलिए पेड़ों पर जाल लगाकर चले जाते हैं जिसमें फँसकर निर्दोष बेजुबान पक्षियों की मौत हो जाती है।

यह हमेशा से होता आया है लेकिन दंतेवाड़ा वन विभाग का अमला वनों और उसमें रहने वाले पशु पक्षियों की रक्षा करने की बजाय आयोजनों की खानापूर्ति करने में ज्यादा समय व्यस्त रहता है।

ताजा मामला दिनांक 30 जुलाई गुरुवार का है, सुबह इको एक्शन नेटवर्क टीम पूर्व में लगाये गए पौधों का अवलोकन करने निकली हुई थी। जिस दौरान कतियाररास दंतेवाड़ा के रेलवे पटरी की ओर स्थित डूमर के पेड़ पर जाल नजर आया।

इन जालों का इस्तेमाल बहेलिए जंगली कबूतर जिसे Yellow Footed Green Pigeon, हरियल या हरेड के नाम से जाना जाता है को पकड़ कर खाने के लिए करते हैं। जो कि कानूनन अपराध है।

इको एक्शन नेटवर्क टीम के सदस्यों द्वारा उस पेड़ पर लगे जाल को निकाला गया। जिसमें 02 चमगादड़ तथा 01 Copersmith Barbet फंस चुका था। तीनो पक्षियों में 01 चमगादड़ को ही जीवित बचा सके , बाकी दो की मौत हो गई थी।

इको एक्शन नेटवर्क टीम ने इसकी तत्काल सूचना वन विभाग के भूषण नेताम को दी तथा सामग्री जब्ती के लिए भी कहा। लेकिन उनका जवाब सुनिए उन्होंने कहा कि वो उनका कार्य समाप्ति पश्चात जब्ती के लिए उपस्थित हो जाएंगे और आज दिनांक तक नहीं पहुँचे हैं।

पूरे एक दिन इंतजार के बाद भी नहीं पहुँचे तो पक्षियों के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। जाल अब भी इको एक्शन नेटवर्क के पास है जिसे वे खुद ही जमा करने वन विभाग के पास जाएंगे। इससे पहले भी कई मौकों पर इको एक्शन नेटवर्क टीम ने पक्षियों की जान शहर के नजदीक के जंगल में जाल काटकर बचाई है।

इस मामले से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जंगल के अंदरूनी इलाकों में वन विभाग कैसे काम करता होगा। पक्षियों के शिकार की वजह से निर्दोष पक्षियों की संख्या लगातार घटती जा रही है, इससे मनुष्य जीवन को गंभीर खतरा है।

प्रभात सिंह

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