देवी देवताओं का कोर्ट भी इस साल कोरोना की वजह से रहेगा बंद, केशकाल के भंगाराम में हर साल लगती है अदालत

केशकाल ( भूमकाल समाचार ) प्रतिवर्ष मेला मड़ई खत्म होने के बाद बस्तर के देवी देवताओं पर लगे आरोप की सुनवाई व उनकी जांच करने केशकाल के भंगाराम में होने वाला देवताओं का मेला इस बार कोरोना की वजह से प्रभावित रहेगा, इस साल यहां देवताओं का अदालत स्थागित रहेेेगी।

ज्ञात हो कि यहां देवताओं की अदालत में सुनवाई व फैसले होते हैं , यहां आरोपी कोई देवता या देवी हो सकता है । उन पर कई आरोप में उनकी भूमिका व उनके अस्तित्व को लेकर भी आरोप लगाए जाते हैं । जज की भूमिका में भंगाराम देवी होती है और सुनवाई की प्रक्रिया बिल्कुल न्यायालय की तरह ही पारदर्शी और नियम बद्ध होता है । कई देवताओं को सजा भी हो जाती है, कई को जमानत भी मिल जाते हैं और कई को मौत की सजा भी मिलती है । मौत की सजा के बाद सजा पाए हुए देव या देवी के भौतिक स्वरूप जैसे आँगा ( लकड़ी से निर्मित ) मूर्ति, पुतला , छत्र, कपड़ा, बांस (डांग) और साज सज्जा को भंगाराम की पहाड़ी पर ही फेंक दिया जाता है । मौत की सजा पाए देवी या देवता के यहां फेंक दिए गये साज सज्जा में सोने चांदी भी हुआ करते थे, उन्हें छूने से अहित होने की मान्यता के कारण यह सब पहाड़ी में ही पड़ा रहता था पर विगत कुछ वर्षों से मंदिर की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होने के बाद अब यहां से बहुमूल्य चीजें गायब है ।

केशकाल क्षेत्र के 9 परगना की प्रमुख देवी भंगाराम देवी के दर पर प्रति वर्ष भादों मास में होने वाला भादों जातरा इस वर्ष भी आगामी 8 अगस्त को होगा । भादों मास में होने वाला यह जातरा बहुत ही विशिष्ट होता है। 9 परगना के अंतर्गत आने वाले सभी गांव के सभी घर से हल्दी तेल मां को चढ़ाने सेवा पूजा बतौर लाया जाता है ताकि आने वाले वर्ष भर दैहिक – दैवीय प्रकोप से बचे रह सके ।

इस सम्बन्ध में केशकाल के वरिष्ठ पत्रकार कृष्णदत्त उपाध्याय ने अपने फेसबुक वॉल पर सूचना देते हुए बताया है कि ” इस जातरा का एक और बहुत ही विशेष परंपरा के चलते आकर्षंण बढ़ जाता है वो हैं यंहा पर देवी देवताओं की लगने वाली अदालत। कोरोना संक्रमंण को देखते हुए जिस तरह से सिविल कोर्ट -हाई कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई स्थगित है, उसी तरह से इस बार भंगाराम के दर पर भादों जातरा पर लगने वाला देवी देवताओं की अदालत भी स्थगित रहेगा। प्राचिन परंपरा का पालन करते सेवा पूजा तो होगा परन्तु बहुत ही कम संख्या में लोग आयेंगे और फिजीकल डिस्टेंट का पालन करते हुए भादों छात्रा संपन्न होगा ।”

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