मोदी सरकार की कोल ब्लॉक नीलामी के विरोध में झारखण्ड सरकार ने लिखा पत्र

छत्तीसगढ़ सरकार भी दर्ज कराए अपना विरोध : आलोक शुक्ला

रायपुर । छत्तीसगढ़ बचाओ अभियान के संयोजक आलोक शुक्ला ने अपने फेसबुक वाल पर जानकारी दी है कि यह नीलामी सुप्रीम कोर्ट के आदेश कि मूल मंशा के खिलाफ हैं एवं कार्पोरेट मुनाफे के लिए जंगलो के विनाश व आदिवासियों को विस्थापन के लिए मजबूर करेगा ।

*कोविड संकट कार्पोरेट को सब कुछ लुटा देने का अवसर भी हैं l जनता आत्मनिर्भर बनेगी, लेकिन कार्पोरेट सरकार के भरोसे सारे नियमो कानून को संशोधित करा कर, जनता के अधिकारों को कुचलकर संसाधनों पर कब्ज़ा करेंगे *

जब विश्व में कोविड संकट महामारी का रूप ले रहा था, तब नमस्ते ट्रंप और मध्यप्रदेश में सत्ता गिराने के साथ कार्पोरेट लूट का रास्ता भी तैयार किया जा रहा था । लॉक डाउन के पूर्व मोदी सरकार ने खनिज विधि (संशोधन ) अधिनियम 2020 बनाकर कानून के जरिये कार्पोरेट के लिए आसानी के कोल ब्लॉको को हासिल करने का रास्ता बना दिया था ।

इस सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी के लिए लिए आलोक प्रतुल की इस स्टोरी को पड़ा जा सकता हैं https://www.bbc.com/hindi/india-52051614

कानूनों में संशोधन के बाद मोदी सरकार देश के 80 कोल ब्लॉको को व्यावसायिक उपयोग के लिए नीलाम करने जा रही हैं । इसमें छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य जैसे समृद्ध वन क्षेत्र के कोल ब्लॉक भी शामिल हैं । अर्थात कार्पोरेट के मुनाफे के लिए खुले बाजार में कोयला बेचने हसदेव के जंगलो का विनाश होगा ।

एक महत्वपूर्ण सवाल यह हैं कि जब कोविड संकट में पूरी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो चुकी हैं तब यह नीलामी क्यों ? चूकी नीलामी में न्यूनतम बोलीदार दो कम्पनियाँ हैं इसलिए बहुत ही कम दर पर ये कोल ब्लॉक कम्पनियों को मिल जायेंगे । इसका सीधा असर राज्य सरकारों पर पड़ेगा क्यूंकि नीलामी से बहुत कम राजस्व कि प्राप्ति होगी ।

झारखण्ड के मुख्यमंत्री ने पत्र लिखकर इसका खुला विरोध किया हैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री Bhupesh Baghel MLA Patan Chhattisgarh से निवेदन हैं कि इस नीलामी प्रक्रिया का विरोध करें

आलोक शुक्ला

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