कोरोना से निपटने भूपेश सरकार ने लिया था बड़ा फैसला

पहले निजी नर्सिंग होम टेकओवर के आदेश दिए , घण्टे भर बाद हेल्थ माफिया के दबाव में निर्णय लिया वापस

रायपुर । भूपेश सरकार ने किसी जनहितैषी सलाहकार की सलाह से आज दिन में एक बड़ा फैसला कि सभी अस्पताल और निजी नर्सिंग होम को कोरोना टेस्ट व सभी कोरोना वायरस मरीजों के लिये तैयार करने कहा गया । लेकिन कुछ ही देर में एक नया आदेश जारी कर पूर्व के आदेश को लिपिकीय त्रुटि बता कर निरस्त कर दिया ।

ज्ञात हो कि। छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने इस आदेश को जारी करते हुए बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। यह कार्यवाही राज्य रेपिडेमीक एक्ट के तहत की गई थी । इस एक्ट के तहत सभी अस्पताल और निजी नर्सिंग होम को सरकार टेकओवर कर सकती है । यह बहुत ही स्वागत योग्य उचित कदम था, प्रदेश भर में इस आदेश की तारीफ भी हो रही थी । ज्ञात हो कि प्रदेश के मार्क्स वादी कम्युनिष्ट पार्टी ने अंतर्राष्ट्रीय महामारी के कठिन समय में निजी चिकित्सालयों के राष्ट्रीयकरण की मांग भी की थी ।

उक्त आदेश में लिखा गया था कि वर्तमान परिस्थितियों में अधिसूचित संक्रामक रोग, कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए, छत्तीसगढ़ एपेडेमिक डीज़ीस कोविड -19 विनियम 2020 की कंडिका 3 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए समस्त अस्पताल और निजी नर्सिंग होम को मैं समस्त मानव संसाधन एवं उपलब्ध चिकित्सा संसाधनों सहित दिनांक 26 मार्च 2020 से आगामी आदेश तक के लिए अधिग्रहित किया जाता है। संबंधित संस्था के संचालक शासन के दिशा निर्देशों के अनुरूप संस्था के संचालन में पूर्ण सहयोग करेंगे ।

छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने आज इस आशय का निर्णय भी लिया , जिस पर स्वास्थ्य माफिया में हड़कम्प मच गया । ज्ञात हो कि प्रदेश के 90 परसेंट से ज्यादा निजी चिकित्सालय, नर्सिंग होम्स, पैथोलॉजी प्रभावशाली राजनीतिज्ञों, भृष्ट अधिकारियों, अपराध से जुड़े व्यवसायियों द्वारा चलाया जाता है, जो सरकार के नर्सिंग होम एक्ट सहित किसी कानून का परवाह नही करते । आरोप लगते रहे हैं कि बहुचर्चित कुख्यात आईपीएस मुकेश गुप्ता सहित कई भूतपूर्व मंत्री, वर्तमान मंत्री, भूतपूर्व विधायक, सांसद और वर्तमान विधायक, सांसद , अधिकारियों व शराब माफिया का काला धन हेल्थ सेक्टर में लगा हुआ है । ताकतवर होने की वजह से इन अस्पतालों में जनता के साथ खुलेआम लूट-खसोट जारी है । यही वजह है कि समय की जरूरत को देखते हुए सरकार ने जब आज निजी चिकित्सालयों को टेकओवर करने का कदम उठाया तो पूरे प्रदेश में सरकार के इस कदम की तारीफ होने लगी।

पर स्वास्थ्य माफिया का प्रभाव किस कदर सरकार पर हावी है? इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि आदेश जारी होने के 1 घंटे के भीतर ही स्वास्थ्य विभाग ने एक नया आदेश जारी करते हुए पूर्व में जारी आदेश को लिपिकीय त्रुटि करार दिया। अब इसी बात पर सरकार की थू-थू हो रही है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!