मिर्च तोड़ने गए ग्रामीणों को नक्सली बताकर पुलिस ने भेजा जेल

ग्राम पंचायत पदेडा के ग्रामीणों ने लगाया पुलिस पर सनसनीखेज आरोप

फ़ोटो:–कोतवाली के सामने सरपंच और अन्य ग्रामीण

ग्रामीणों ने कहा रोजगार के लिए तेलंगाना पलायन कर गए थे ग्रामीण

तेलंगाना के मल्लूर शहर से गिरफ्तार कर बीजापुर लायी पुलिस

गणेश मिश्रा बीजापुर

बीजापुर:– रोजगार की कमी के चलते पिछले 1 महीने से बीजापुर जिले के अंदरूनी इलाकों के ग्रामीणों का रोजगार के लिए पड़ोसी राज्य तेलंगाना पलायन निरंतर जारी है अब तक सैकड़ों ग्रामीण मिर्च तोड़ने के नाम पर तेलंगाना पलायन कर चुके हैं परंतु वहीं दूसरी ओर पलायन कर तेलंगाना जाकर मिर्च तोड़ने का काम करने वाले ग्रामीणों पर छत्तीसगढ़ पुलिस की पैनी नजर भी बनी हुई है तेलगाना के अलग-अलग शहरों में मिर्च तोड़ने के लिए गए हुए अंदरूनी इलाकों के ग्रामीणों की निगरानी बीजापुर पुलिस निरंतर कर रही है जिसके लिए एक टीम बनाकर तेलंगाना भेज कर कथित नक्सलियों की पहचान की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर स्थित पदेडा के ग्रामीणों ने इसका जमकर विरोध किया है उनका आरोप है कि रोजगार की तलाश में तेलंगाना गए हुए उनके गांव के बेकसूर लोगों को पुलिस द्वारा तेलंगाना से गिरफ्तार कर बीजापुर लाया गया और वहां से उन पर नक्सल मामले पंजीबद्ध कर जेल भेज दिया गया है ग्रामीणों का कहना है कि यह रोजगार ना होने के कारण उन्हें हर साल गर्मियों के दिनों में तेलंगाना जाकर मिर्ची तोड़ने का काम करना पड़ता है उन्होंने यह भी कहा कि वह पुलिस के गस्त के चलते अपने गांव में भी सुरक्षित नहीं है और अब तो पड़ोसी राज्य में भी वे सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव के 5 लोगों को पुलिस द्वारा तेलंगाना से पकड़कर नक्सल मामलों में 4 लोगो को जेल भेज दिया है और एक को छोड़ दिया गया है।

ग्राम पंचायत पदेडा के सरपंच गुड्डू कोरसा बताते हैं कि करीब 20 दिन पूर्व उनके गांव से 50 से 60 ग्रामीण रोजगार की तलाश में पड़ोसी राज्य तेलंगाना के मल्लूर शहर में जाकर मिर्च तोड़ने का कार्य कर रहे थे इसी दौरान 4 दिन पूर्व बीजापुर से गई हुई पुलिस उनमें से 5 ग्रामीणों को नक्सली सहयोगी बताकर बीजापुर ले आई है जिनमें से 4 लोगों को विभिन्न मामलों का आरोपी बताते हुए जेल भेज दिया गया है जबकि एक को छोड़ दिया गया सरपंच का कहना है कि पुलिस द्वारा पदेडा के गायतापारा निवासी गायता सुक्कू पिता कोदा कोरसा सन्नू पिता माटा, मंगू कोरसा पिता बोज्जा, सन्नू कोरसा पिता बोज्जा और मुन्नी कोरसा पिता सोमलू को तेलंगाना के मल्लूर शहर से उस समय पकड़ कर लाई है जब वह वहां पर एक साहूकार के यहां मिर्च तोड़ने का कार्य कर रहे थे इनमें से कोरसा सन्नू पिता बोज्जा को छोड़ दिया गया है परंतु अन्य चार ग्रामीणों को नक्सल मामलों के आरोपी बता कर जेल भेज दिया गया है सरपंच का यह भी कहना है कि इसके पूर्व ग्रामीणों द्वारा इस मामले में बीजापुर एसपी से भी शिकायत की गई थी कि गश्त के दौरान पुलिस उनके गांव की ग्रामीणों को काफी परेशान करती है उस समय एसपी ने इस मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था परंतु अब रोजगार के लिए पड़ोसी राज्य जाने के बावजूद उन्हें दोबारा नक्सल मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है जबकि ग्रामीणों का नक्सलियों से कोई लेना देना नहीं है किसी तरह वे सलवा जुडूम के त्रासदी से उभर कर नए सिरे से गांव को बसाकर जीवन यापन करने की कोशिश कर रहे हैं बावजूद पुलिस द्वारा बार-बार परेशान किए जाने से वे आतंक के साए में जीने को मजबूर हैं इस मामले में बीजापुर टीआई चंद्रशेखर बारीक का कहना है कि गिरफ्तार किए गए सभी लोगों पर स्थाई वारंट लंबित थे जिनमें से अधिकांश लोग वाहनों में आगजनी व अन्य मामलों के आरोपी हैं।

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