जी हां थानेदार साहब !! इन बच्चों को समझा दीजिए, सवाल सिर्फ इम्तिहान में पूछने के लिए होते हैं सरकार से नहीं

अरविंद गौड़
इन बच्चों को पहचान लिजिए, यह खतरनाक है, देशद्रोही है। स्कूल के नाटक में सरकार की आलोचना कर रहे थे। नीतियों पर सवाल उठा रहे थे। उसका मखौल उड़ा रहे थे। पुलिस इंस्पेक्टर साहब, ये नौटंकी वाले हैं, इनसे सख्ती से कड़ी पूछताछ करो। सब कुछ कैमरे में रिकॉर्ड करो। इनके कुछ तार देश के गद्दारों से जुड़े हो सकते है। इन्हें समझा दो, सवाल सिर्फ इम्तहान में जबाव लिखने के लिए ही होते है। सरकार पर उंगली उठाने की हिम्मत कैसे हुईं इनकी? इनके मां बाप और मास्टरों को भी उठा लाओ, लाकअप में बन्द कर, उनकी तेल मालिश कर दो। सात पीढ़ियों तक अक्कल ठिकाने आ जाएगी।
इन्हें बता दो, यह गांधी, अम्बेडकर, भगतसिंह और मौलाना आजाद का देश है, यहां देश के गद्दारों को हम ठोक देते हैं।
इंस्पैक्टर साहब, यह देखने में छोटे हैं पर हैं बड़े शातिर। अभी से नाटक की आड़ में लोगों को भड़का कर बगावत के लिए उकसा रहे हैैं। कल को यही बदमाश जे एन यू और जामिया मिल्लिया जाएंगे और पता नहीं कौन-कौन सी आजादी मांगेंगे। इन सपोलों के थुथडे अभी रगड़ दो, ज़हर की थैली निकाल लो, वरना बड़े होते ही हमें डस लेंगे।
इंस्पेक्टर साहब, ऐसे गुनाहगारों को थाने में इंक्वारी के लिए बुला कर और उनकी फोटो रिलीज कर आपने अद्भूत ऐतिहासिक काम किया है। टुकड़े टुकड़े गैंग को पनपने से रोकने का यही शानदार, अनुकरणीय और कारगर तरीका है।
देश भर की पुलिस को आपने नया रास्ता दिखाया है, कीर्तिमान स्थापित किया है। कानून की किताबों में आपके इस योगदान की प्रशंसा में अलग से अध्याय लिखा जाएगा। कर्नाटक पुलिस को मेरा जोरदार देशभक्तों वाला सलाम।

( अरविंद गौड़ देश के प्रसिद्ध नाटककार है )