सारकेगुड़ा कांड की न्यायिक जांच रिपोर्ट भूमकाल पर उपलब्ध

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में साढ़े सात साल पहले हुए बहुचर्चित सारकेगुड़ा कांड की न्यायिक जांच रिपोर्ट जस्टिस वीके अग्रवाल आयोग ने छत्तीसगढ़ शासन को सौंप दी है। पिछले माह 17 अक्टूबर को जांच रिपोर्ट शासन के मुख्य सचिव को सौंपी गई है। बस्तर में छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद पुलिस-नक्सल मामलों से जुड़ी जिन पांच बड़ी घटनाओं की जांच के लिए विशेष न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है, उनमें सबसे पहली जांच रिपोर्ट सारकेगुड़ा कांड की आई है।
ग्राम सरकेगुड़ा, थाना बसागुड़ा, जिला बीजापुर में हुई मुठभेड़ की न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 28-29 जून 2012 को, सारकेगुडा, कोट्टागुडा और राजपेंटा के ग्रामीणों पर सीआरपीएफ और पुलिस कर्मियों की एक संयुक्त टीम ने गोलीबारी की थी। इसमें 7 नाबालिग समेत 17 ग्रामीण मारे गए और दस अन्य घायल हो गए। घटना के तुरंत बाद, इन तीन गांवों के ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि यह मौतें और चोटें सुरक्षा बलों की ओर से एकतरफा गोलीबारी के कारण हुई है। इस घटना की एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी। 

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