देश के विभिन्न सामाजिक जन आंदोलनों का साझा मोर्चा ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक में राष्ट्रीय राजनीतिक स्थितियों पर हो रही है गंभीर चर्चा

ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम की केंद्रीय बैठक 


दुर्ग। आदर्श नगर बाईपास रोड स्थित तीर्थराज पैलेस में आयोजित बैठक में वर्तमान राष्ट्रीय राजनीतिक स्थितियों की चर्चा के दौरान हाल ही में कश्मीर दौरे पर एक नागरिक के बतौर गयी नागरिक अधिकार कार्यकत्र्ताओं की टीम में शामिल एआईपीएफ राष्ट्रीय सलाहकार समिति सदस्य व जाने माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज तथा फोरम सदस्या कविता कृषनन ने बताया कि सरकारी मीडिया द्वारा परोसे जा रहे सच से परे व्यापक काश्मीरी जनता सरकार के लोकतंत्र विरोधी रवैये से क्षुब्ध व आहत है। वहां की व्यापक जनता का आरोप है कि सारी दुनिया से काटकर उनके बारे में काफी भ्रामक व नाकारात्मक दुष्प्रचार फैलाकर पूरे देश के लोगों को गुमराह किया जा रहा है।


कविता कृष्णन ने यह भी कहा कि काश्मीर की भांति छत्तीसगढ़ व झारखंड सरीखे राज्य जो यहां की जनता ने वर्षों के संघर्ष की बदौलत अपना विशेष राज्य हासिल किया, काश्मीर घटना के बाद से अब इन राज्यों के विशेष अस्तित्व पर भी संकट मंडराने लगा है।


वरिष्ठ समाजवादी सामाजिक कार्यकत्र्ता शंभू शरण श्रीवास्तव ने कहा कि काश्मीर में केंद्र की सरकार ने जिस तरीके से वहां की विधान सभा को खत्म कर एकतरफा असंवैधानिक कार्य किया है, वह देश के संघीय ढांचे पर खुला प्रहार है और धीरे-धीरे देश को अंधराष्ट्रवादी उन्माद जुनून की आड़ में राष्ट्रपति प्रणाली की ओर धकेला जा रहा है। जिसके खिलाफ जमीनी स्तर पर व्यापक जन एकता आधारित ‘ विकास ‘ में छूट गए अन्य सभी तबकों को लेकर प्रतिवाद खड़ा करना होगा।
फोरम सदस्य व बस्तर इलाके में लंबे समय से नागरिक अधिकारों पर सक्रिय रहने वाली सामाजिक कार्यकत्र्ता बेला भाटिया ने कहा की सन 2015 से बस्तर इलाके को माओवाद के नाम पर अर्ध सैन्य बल से घेर दिया गया है। सीआरपीएफ को एकुंटेबल बनाना बड़ी चुनौती है। जहां कानून का राज व नागरिक-मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन सामान्य घटना हो गयी है।


बैठक को फोरम सदस्य, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता जॉन दयाल व वरिष्ठ सामाजिक कार्यकत्र्ता सुनीलम ने भी संबोधित किया। विमर्श बैठक में आए लोगों का स्वागत करते हुए फोरम छत्तीसगढ़ कि ओर से अखिलेश अडगर ने प्रदेश में फोरम द्वारा विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा नागरिक संवैधानिक अधिकारों के हनन पर ली गयी पहलक दमियों की जानकारी दी।


छत्तीसगढ़ साझा सांस्कृतिक मोर्चा कि ओर से वरिष्ठ सामाजिक कार्यकत्र्ता ललित सुरजन एवं महेंद्र मिश्र ने वर्तमान संकटपूर्ण स्थितियों में व्यापक साझा प्रयास की आवश्यकता बताई। विभिन्न राज्यों में जारी फोरम की गतिविधियों कि रिपोर्ट में पंजाब से सुखदर्शन नट, उत्तर प्रदेश से सलीम, ओड़ीसा से महेंद्र परिदा, पश्चिम बंगाल से अमलेंदु बोस, झारखंड से अनिल अंशुमन, बिहार से इंसाफ मंच के कयामुद्दीन अंसारी, कर्नाटक के पीआरएस मनी के आलवे दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा व उत्तराखंड के राज्य प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्यों की जानकारी दी। जिसमें सत्ता संरक्षण में जारी मोबलिंचिंग, वनाधिकार व आदिववासियों की बेदखली, एनआरसी की आड़ में सांप्रदायिक सामाजिक विभाजन तथा जन आंदोलनकारियों पर जारी राज्य दमन के इत्यादि के खिलाफ हो रहे जन प्रतिवादों की जानकारी दी ।


बैठक का संचालन केन्द्रीय संचालन समिति संयोजक गिरिजा पाठक ने की । बैठक दूसरे दिन रविवार को फ ोरम द्वारा विभिन्न जन मुद्दों पर राज्यवार तथा राष्ट्रीय स्तर के आंदोलन के कार्यक्रमों की रूप रेखा तय की जाएगी।

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