धूर नक्सल प्रभावी क्षेत्र के कच्चापाल जलप्रपात तक पहुंचे जीवट पत्रकार बप्पी राय और रौनक शिवहरे

बस्तर के खोजी पत्रकार बप्पी पहले भी कई जलप्रपात और पुरातात्विक अवशेष को मीडिया के सामने ला चुके हैं

बापी राय से ही जानिए घने जंगल के बीच छुपे सुंदर जल प्रपात तक पहुंचने की कहानी

        रास्ते में  पुलिस और सीआरपीएफ के दो कैम्प थे । हमें उनसे बचकर निकलना था । ताकि हमें सुरक्षाबल हमारे एक बेहद रोमांचकारी  मुहिम में जाने से रोक न पाए । हम समझ सकते हैं कि सुरक्षाबलों की  चिंता हर एक इंसान की जान - माल को लेकर होती है । लेकिन हम तो ठहरे पत्रकार बिना जोखिमों के मजा ही नहीं आता ।              हम बात कर रहे हैं नारायणपुर जिले के धुर नक्सल प्रभावी क्षेत्र में मौजूद कच्चापाल जलप्रपात की । जो बेहद खूबसूरत होने के साथ - साथ पर्यटकों के नजरो से भी ओझल है ।  नारायणपुर से लगभग 45 km दूर मौजूद यह जलप्रपात बस्तर में मौजूद अन्य जलप्रपातों से किसी भी मामले में कमतर नहीं है ....घनघोर जंगल,  ऊंची पहाड़ियों और पहाड़ी नालो को पार कर जब हम कच्चापाल पहाड़ की ओर पहुंच रहे थे ,उस समय की कौतूहल और उत्साह को शब्दों में उकेरा नही जा सकता।      

घनघोर जंगली रास्ते मे हर 100 मीटर में लगे नक्सलियो के पोस्टर और साइन बोर्ड रोमांच के साथ साथ सिहरन भी उत्पन कर रहे थे ….प्रेशर बम और स्पाइक होल का भी डर था । इन सब बेहद रोमांचकारी बाधाओं को पार कर अंततः हम पहुंच चुके थे कच्चापाल जलप्रपात । लगभग 80 फीट ऊंचा यह जलप्रपात दंतेवाड़ा में मौजूद झारालावा जलप्रपात के समतुल्य ही है ।

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