एस पी सुकमा ने पेश की मानवता की मिसाल,

पुलिस अधीक्षक और पुलिस जवान ने रक्तदान कर पीड़ित महिला की जान बचाई

तीन दिन से रक्त के अभाव में महिला की जान खतरे में थी


सुकमा:- बस्तर के इस दुर्दांत नक्सल प्रभावित जिले सुकमा से अक्सर पुलिस और नक्सलियों के मुठभेड़ या कथित ज्यादतियों की खबरें ही पढ़ने को मिलती हैं। जबकि इसके उलट आज एक ऐसी खबर सामने आई है जिसमें सीवियर एनीमिया से पीड़ित महिला को अपना खून देकर सुकमा एसपी शलभ सिंह ने उसकी जान बचाई। एस पी सुकमा ने जिले के दूरस्थ नक्सल हिंसा से प्रभावित गांव तेकेलगुड़ा की रहने वाली एनिमिया पीड़ित गरीब महिला को स्वयं और अपने सांथ आये पुलिस जवान से रक्तदान कर मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की है।। अब तक मिली जानकारी के अनुसार गम्भीर रूप से बीमार इस महिला की जान बचाने के लिए उसे तत्काल दो यूनिट खून दिए जाने की आवश्यकता थी। इस बात की जानकारी मिलने पर एस पी सुकमा शलभ सिन्हा अपने सांथ एक पुलिस जवान का खून भी बीमार महिला को दिलवाया ।

पीड़ित महिला नक्सल प्रभावित तेकेलगुड़ा की निवासी बताई जा रही है,जिसका नाम बुधरी है। इलाज के लिए अस्प्ताल में भर्ती बीमार महिला के साथ एक तीन साल की बच्ची है। जबकि महिला का पति भी गांव में बीमार पड़ा है।


बीमार महिला बुधरी की उम्र 26 वर्ष है और वह सीवियर एनीमिया जैसी जानलेवा बीमारी से ग्रस्त हैं। अस्पताल में उसकी स्थिति बेहद गम्भीर हो चुकी थी। उसकी जान बचाने के लिए पिछले तीन दिन से खून की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। वहीं महिला के साथ कोई अटेंडेंट भी नही था। केवल तीन साल की मासूम बिटिया उसके साथ थी।। इस बात की जानकारी किसी वाट्सएप ग्रुप में पोस्ट हुई थी। इसे जानकर एसपी शलभ सिन्हा रक्तदान करने के लिए जिला अस्पताल पहुँच गए । क्योंकि महिला को दो यूनिट ब्लड की आवश्यकता थी,यह जानने के बाद एस पी सिन्हा अपने साथ एक जवान को भी ब्लड डोनेट करने के लिए लेआए थे। बहरहाल एस पी सुकमा के इस मानवीय कार्य को लेकर न केवल उनकी प्रशंसा की जा रही है,बल्कि लोग उन्हें सोशल मीडिया में रोल
मॉडल की तरह पेश करने लगे है।

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